जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के उस अध्यादेश को लौटा दिया है जिसमें सरकार ने कारखाना अधिनियम के तहत महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम करने की अनुमति को अनिवार्य करने का प्रस्ताव तैयार किया था. राष्ट्रपति द्वारा इस अध्यादेश को मंजूरी देने से मना कर देने के बाद अब महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम करना अनिवार्य नहीं होगा.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मध्य प्रदेश सरकार के अध्यादेश को लौटा दिया तो राज्य सरकार ने संशोधित अध्यादेश जारी किया है. इसके तहत अब महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम करने की बाध्यता नहीं होगी.
मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने कारखाना अधिनियम 1948 में संशोधन कर महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम करने की अनुमति दे दी थी. राज्य सरकार के इस फैसले पर केन्द्र सरकार ने भी आपत्ति जताई थी. इसी आपत्ति के बाद राष्ट्रपति ने इस अध्यादेश को मंजूरी नहीं दी.
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कारखाना अधिनयम में पहले भी महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम करने की अनुमति नहीं थी. राज्य सरकार ने इस अधिनियम में जो अन्य बदलाव किये थे उसमें कर्मचारियों को एक शिफ्ट में आठ घंटे काम करना होगा. कारखाना मालिक को पहले 20 कर्मचारी होने पर लाइसेंस लेने की बाध्यता थी लेकिन अब 200 कर्मचारी होने पर लाइसेंस लेने की बाध्यता होगी. इसके साथ ही सरकार ने यह भी तय किया है कि 300 से कम कर्मचारियों वाले कारखाने को बंद करने के लिए कारखाना मालिक को सरकार से अनुमति लेने की ज़रुरत नहीं होगी.