जुबली न्यूज़ डेस्क
सोने के बावजूद आपको थकावट महसूस होती है,लेकिन यह रोजमर्रा की भागदौड़ से नहीं होता है बल्कि यह एक तरह का विकार है जिसे फाइब्रोमायल्जिया कहते है। इसमें शरीर की हड्डियों में दर्द,थकान के अलावा मस्तिष्क से जुड़ी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस विकार से पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं ज्यादा प्रभावित होती है।
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इस बीमारी के लक्षण अधिक आयु वर्ग से लेकर बच्चों तक में देखे गये है। अस्वस्थ आहार, बदलती जीवनशैली, नींद की कमी, आर्थिक परेशानी, प्रियजन को खोना, वातावरण का प्रभाव, खराब रिश्ते आदि तनाव का कारण बन सकते हैं। लंबे समय तक किसी बात का तनाव भी हार्मोनल गड़बड़ी कर सकता है और फाइब्रोमायल्जिया की वजह बन सकता है।
फाइब्रोमायल्जिया से ग्रस्त दस में से नौ लोगों में अवसाद के लक्षण होते हैं और दस में से कम से कम छह लोगों को अपने जीवनकाल के दौरान एक गंभीर अवसाद का अनुभव होगा। रूमेटिक रोग से पीड़ित व्यक्ति में फाइब्रोमायल्जिया विकसित होने की अधिक आशंका हो सकती है। इस बीमारी का कोई ईलाज नहीं है लेकिन कुछ दवाएं इसके लक्षणों को नियंत्रित करती है। व्यायाम,आराम और तनाव को कम करके इससे बचा जा सकता है।
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