जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली. फैमिली वैकेशन पर दिल्ली आई एक महिला की रविवार (25 जून) को रेलवे स्टेशन पर करंट लगने से मौत हो गई। वहीं यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग शॉक्ड हैं कि कैसे सड़क पर खड़ा एक खंभा मौत की वजह बन गया? महिला उस जगह पर भरे बारिश के पानी से बचने के लिए बिजली के खंभे के सहारे खड़ी हुई थी, तभी उसे करंट लग गया।
बता दे कि टीचर साक्षी आहूजा को खंभे से चिपकर छटपटाते देखकर वहां मौजूद ऑटो और कैब ड्राइवर उसे बचाने के लिए दौड़े, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उसे बचाने के प्रयास में उसकी बहन को भी झटका लगा। हालांकि साक्षी आहूजा का 9 साल का बेटा और 7 साल की बेटी उनके बगल में खड़े थे, उन्हें लोगों ने खंभे से दूर करके बचा लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, साक्षी को जब करंट के झटके लग रहे थे, तब वे अपने बच्चों को दूर रखने के लिए चिल्लाती रहीं।
पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार के निवासी साक्षी आहूजा लक्ष्मी नगर के एक स्कूल में टीचर थीं। वे पार्टटाइम एक आर्किटेक्ट भी थीं। वह अपने परिवार के साथ चंडीगढ़ जाने के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस पकड़ने के लिए सुबह करीब साढ़े पांच बजे स्टेशन पर आई थीं।
करंट की चपेट में आ गईं
दिल्ली में बारिश के चलते रेलवे स्टेशन के बाहर जलभराव था। शायद पानी में फिसलने से बचने के लिए साक्षी ने खंभा पकड़ लिया और करंट की चपेट में आ गईं। हालांकि, उनके परिजनों का कहना है कि वो गड्ढे में चली गई थीं और बिजली की चपेट में आ गईं। घटना के समय साक्षी आहूजा के माता-पिता और भाई कार पार्क कर रहे थे, जबकि वह अपनी बहन और बच्चों के साथ प्लेटफॉर्म की ओर जा रही थी। जिस स्थान पर उन्हें करंट लगा, वह टैक्सियों के लिए पार्किंग स्थल है।
साक्षी के पिता लोकेश कुमार चोपड़ा ने कहा-हम छुट्टियां मनाने चंडीगढ़ जा रहे थे। मैं पार्किंग एरिया में था, जब मुझे खबर मिली कि मेरी बेटी की करंट लगने से मौत हो गई है। यह अधिकारियों की लापरवाही के कारण हुआ है। पीड़िता के पति अंकित आहूजा ने कहा कि दुर्घटना के लिए कई विभाग जिम्मेदार हैं। वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से लापरवाही हुई है। रेलवे विभाग के अधिकारी हमसे मिलने आए और हमें आश्वासन दिया कि जांच चल रही है।
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पुलिस के अनुसार, उन्हें स्टेशन के एग्जिट-1 के पास पीजी साइड पर एक महिला को बिजली के खंभे से झटका लगने की सूचना मिली थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि उन्होंने महिला की चीख सुनी और उसे गिरने से पहले खंभे से दूर जाने की कोशिश करते देखा। उनकी बहन माधवी चोपड़ा मदद के लिए चिल्लाईं और एक राहगीर ने पीसीआर को फोन किया।
25 मिनट तक जमीन पर लेटी रहीं
साक्षी आहूजा के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि कुछ टैक्सी और ऑटो चालक मदद के लिए आने से पहले वह 20-25 मिनट तक जमीन पर लेटी रहीं। एक रिश्तेदार इंदु ने कहा, “टैक्सी और ऑटो चालकों ने उसके बच्चों को खींच लिया, जबकि माधवी कुछ नहीं कर पाई क्योंकि उसे भी बिजली का झटका लगा था। साक्षी को बचाने कुछ टैक्सी चालकों को भी करंट लगा। बाद में वे साक्षी को धक्का देने के लिए चादरें, तौलिये और लाठियां लेकर आए। उन्हें एक टैक्सी में अस्पताल ले जाया गया।