Saturday - 2 November 2024 - 10:09 PM

‘गन्ना किसानों के खिलाफ ब्राजील की याचिका वापस कराये Modi सरकार’

जुबिली न्यूज़ डेस्क

भाकियू ने उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों के जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजकर मांग की है कि, सरकार कूटनीतिक दबाव बनाकर गन्ना किसानों के खिलाफ ब्राजील की याचिका वापिस कराये।

भारतीय किसान यूनियन ने गणतन्त्र दिवस 2020 के मुख्य अतिथि ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो पर कूटनीतिक दबाव बनाकर विश्व व्यापार संगठन में ब्राजील की याचिका जिसमें भारत में गन्ना किसानों का उचित एव लाभकारी मूल्य समाप्त किए जाने की मांग की है, को वापिस कराने की मांग की है।

भाकियू ने कहा है कि बोल्सनारों के नेतृत्व में ब्राजील सरकार सीधे तौर पर भारतीय गन्ना किसानों के समक्ष आजीविका के संकट खड़ा करने का प्रयास कर रही है। अगर याचिका का फैसला ब्राजील सरकार के पक्ष में जाता है तो भारतीय गन्ना किसानों को मिलने वाला निश्चित मूल्य ही समाप्त हो जाएगा। उसके बाद शुगर मिल किसानों का शोषण करने के लिए स्वतंत्र होंगे।

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बता दें कि बोल्सनारो के नेतृत्व में ब्राजील सरकार सीधे रूप से भारतीय गन्ना किसानों की आजीविका के लिए खतरा खड़ा कर रही है। ब्राजील ने भारत को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अंतर्गत स्थापित विवाद निपटान निकाय में घसीट लिया है और उसने भारत सरकार द्वारा तय किये गए गन्ने के न्युनतम मूल्य को चुनौती दी है। फरवरी 2019 में ब्राजील ने चीनी की वैश्विक कीमत में गिरावट की वजह भारत को बताते हुए सवाल उठाया है।

भारत चीनी क्षेत्र निर्यात के लिए सक्षम नहीं

ब्राजील की तरह, भारत एक प्रमुख कृषि निर्यातक देश नहीं है। दुनिया भर के चीनी व्यापार में भारत की भागीदारी सिर्फ 3-4 प्रतिशत है। भारत दुनिया के सबसे बड़े चीनी उपभोक्ताओं में से एक है क्यूंकि भारत में अधिकांश चीनी उत्पादन का उपभोग देश के भीतर किया जाता है। गन्ना व्यवसाय के माध्यम से 5 करोड़ किसान परिवारों की आजीविका निर्भर है, जिसमे की मुख्य रूप से छोटे और सीमांत के साथ-साथ 500,000 चीनी मिल मजदूर भी शामिल है।

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भारत सरकार गन्ने के उत्पाद की खरीद सीधे तौर पर नहीं करती है इसलिए सरकार द्वारा कोई भी सब्सिडी इन्हे नहीं दी जा रही है। दूसरी तरफ गन्ने व्यापार के वैश्विक निर्यात का 45 प्रतिशत भागीदारी ब्राजील की है। ब्राजील दुनिया के सबसे बड़े गन्ना और चीनी उत्पादक देश एवं सबसे बड़ा चीनी निर्यातक देश है। भारत के घरेलू गन्ना बाजार को समाप्त करने से चीनी निर्यातक देशों को भारी लाभ होगा।

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