स्पेशल डेस्क
लखनऊ। मायावती ने अखिलेश से अब हाथ खिंच लिया है। दोनों के रास्ते भी अलग हो चुके हैं। हार के बाद सपा-बसपा दोनों के बीच खटास साफ देखी जा सकती है। मामला इतना ज्यादा बढ़ गया है मायावती खुलेआम मुलामय परिवार पर तंज कसती दिख रही है। हालांकि अखिलेश यादव अब भी मायावती को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं दिया है।
दूसरी ओर हार से आहत मुलायम भी सदमे है। इस वजह से वह दोबारा सपा को जिंदा करने में लगे हुए है। इस वजह से सपा में पुराने नेताओं को दोबारा पार्टी में शामिल कराना चाहते हैं। मुलायम चाहते हैं कि सपा का कुनबा एक बार फिर एक हो जाये लेकिन शिवपाल यादव ने साफ कर दिया है कि वह या फिर उनकी पार्टी का सपा में कोई विलय होने नहीं जा रहा है। इस वजह से मुलायम को भी झटका लगा है। दूसरी ओर शिवपाल की पार्टी प्रसपा यूपी में सपा का विकल्प बनना चाहती है।
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इस वजह से अगले विधान सभा चुनाव को ध्यान में रखकर वो अपनी पार्टी को तैयार कर रही है। प्रसपा प्रवक्ता डॉ. सीपी राय ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी इस बार उपचुनाव नहीं लड़ेगी बल्कि अगले विधान सभा चुनाव के लिए अभी से तैयारी करेगी। इसके लिए प्रसपा जमीनी तौर लोगों से जुडऩे के लिए दिन रात एक कर देगी।
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प्रसपा को उम्मीद है कि अभी चुनाव में ढ़ाइ साल का वक्त है। ऐसे में उसके पास काफी वक्त है और इस वजह से वह अपने को तैयार कर रही है। प्रसपा का तर्क है लोकसभा चुनाव में उसके पास तैयारी के लिए वक्त नहीं था लेकिन अब उसके पास अच्छा मौका है।
प्रसपा को उम्मीद है कि सपा-बसपा से अलग हटकर वह आगे अपनी तैयारी करेगी और सूबे में बीजेपी को टक्कर देने के लिए प्रसपा मुख्य पार्टी बनना चाहती है। कुल मिलाकर प्रसपा के इस कदम से सपा को भी काफी हैरानी और परेशानी हो सकती है।