संजय सनातन
उत्तर प्रदेश। उत्तम प्रदेश। जहां भगवान श्री राम और श्री कृष्ण का अवतार हुआ। मोक्षदायनी, जीवनदायिनी नदियां लोगों को जीवन दे रही हैं। पर क्या इन नदियों की साफ-सफाई या जीवतंता के लिए कोई ठोस पहल की जा रही है। यह अपने आप में एक यक्ष प्रश्न बनता जा रहा है। आज प्रर्यावरण दिवस है। सब की जबान पर एक ही बात है बृक्ष लगाओ। क्या नदियों के बारे में भी कोई बात की जायेगी। कैसे उत्तर प्रदेश की नदियों को साफ-सुथरा बनाया जाय। क्या इसके लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोई रणनीति बनायी है।
मध्य प्रदेश में नर्मदा, मंदाकिनी, क्षिप्रा बनाया गया है ट्रस्ट
उत्तर प्रदेश में मोक्षदायिनी गंगा, यमुना, घाघरा, गोमती समेत अन्य नदियों के साफऱ-सफाई लिए भले ही कोई कोई ठोस नीति न बनायी गयी हो पर मध्य प्रदेश में ऐसा नहीं है। कमलनाथ सरकार ने तो कम्यूटर बाबा को नर्मदा, मंदाकिनी, क्षिप्रा रिवर फ्रंट का कम्यूटर बाबा को अध्यक्ष बनाया है। कम्यूटर बाबा ने इसके लिए सरकार से हेलकाफ्टर मांगकर जमीनी निरीक्षण करने की बात कही है।
केन्द्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना के तहत यूपी में हो रहा काम
केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने पिछले ही कार्यकाल के दौरान नमामि गंगे परियोजना की शुरुवात की थी। इसके तहत गंगा नदी के सभी घाटों की सफाई और शव गृहों का निर्माण होना था। बहुत से काम भी हो रहे हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेस सरकार की तरफ से ही प्रचार-प्रसार कराया जाता है। पर विशेष कोई परिवर्तन नहीं दिखायी दे रहा है। क्या उत्तर प्रदेश की सरकार को कोई रणनीति नहीं बनानी चाहिए।
राजधानी की गोमती नदी का रिवर फ्रंट का ही काम खटाई में
उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार एक तरफ जहां केन्द्र की नमामि गंगे परियोजना में पूर्ण सहयोग कर रही है, वही राजधानी में ही बह रही गोमती नदी रिवर फ्रंट का विकास का कोई समाधान नहीं निकाल पा रही है। अभी गोमती रिवर फ्रंट का मामला अधर में ही लटका हुआ है। ऐसे में देखना यह है कि गोमती रिवर फ्रंट का मामला कब तक हल हो सकता है।
आदि गंगा के नाम से जानी जाती हैं मां गोमती नदी
उत्तर प्रदेश में मां गंगा और जमुना नदीं के अलावा राजधानी में बहने वाली गोमती नदी का भी बहुत ही पौराणिक महत्व है। पुराणों में स्पषट उल्लेख है कि मां गोमती नदी को धेनुमती कहा जाता है। मनुष्य़ों के जन्मदाता मनु और सतरूपा ने सबसे प्रमुख तीर्थ नैमिषारण्य में गोमती नदी के ही तट पर पूजन किया था जहां भगवान विष्णु प्रकट होकर उन्हें श्री राम के रूप में प्रकट होने का आर्शीवाद दिया था। मां गोमती का प्राकट्य आदि गंगा मां के पहले हुआ था। इसी लिए इन्हें आदि गंगा कहा जाता है।
अयोध्या में सरयू (घाघरा) नदी में भगवान श्री राम ने किया महाप्रयाण
उत्तर प्रदेश में बहने वाली मोक्षदायिनी मां गंगा नदी और जमुना, गोमती समेत अन्य नदियों के साथ ही श्री धाम अयोध्या में बहने वाली सरयू (घाघरा) नदी का भी बहुत ही पौराणिक महत्व है। पूरी दुनिया में आदर्श बने मर्यादा पुरुषोत्तम राम के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने सारी बाल लीलाएं यहीं की। इसी के साथ ही पूरे परिवार के समेत भगवान श्री राम ने सरयू नदी में अन्य में महाप्रयाण किया। अब इसके बाद भी इन नदियों साफ-सफाई के लिए रणनीति न बने तो क्या…!
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