न्यूज डेस्क
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) के हथियारों की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। दरअसलन इन हथियारों की खामियां की वजह से सेना को काफी नुकसान हो रहा है।
संसद में 6 दिसंबर को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी सीएजी ने एक रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) न सिर्फ हथियारों की मांग को पूरा करने में अक्षम साबित हो रही हैं बल्कि कुछ मामलों में इन हथियारों की गुणवत्ता खराब है।
गौरतलब है कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां ही सेना को हथियारों की सप्लाई करती हैं। सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार ओएफबी का प्रदर्शन चिंतित करने वाला है।
रिपोर्ट के मुताबिक थलसेना और नौसेना ने 2013-14 से 2017-2018 तक नौ तरह के हथियारों में फ्यूज से जुड़ी खामियों के चलते हुईं 36 घटनाओं का जिक्र किया है
रक्षा मंत्रालय को सेना ने बताया है कि हथियारों में इस तरह की खामियों के चलते हर हफ्ते कम से कम एक बार जान जाने, चोट लगने या उपकरणों को नुकसान पहुंचने जैसे हादसे हुए हैं।
मालूम हो कि पूरे देश में 41 ऑर्डिनेंस फैक्टरियां हैं। इनमें एक लाख 25 हजार से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। इन फैक्ट्रियों में राइफल, बंदूक, गोला-बारूद, कैमिकल, पैराशूट, टैंक, बुलेट और माइंस प्रूफ गाडयि़ां बनती हैं।
इन्हें 80 फीसदी ऑर्डर सेना से मिलते हैं, बाकी 20 फीसदी गृह मंत्रालय के तहत आने वाले अर्ध-सैनिक बलों और राज्यों की पुलिस की ओर से। ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के कई उत्पादों को निर्यात भी किया जाता है।
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