जुबिली स्पेशल डेस्क
भारत में क्रिकेट को एक धर्म की तरह पूजा जाता है। विश्व क्रिकेट में न सिर्फ भारतीय खिलाड़ी बल्कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का दबदबा देखने को मिलता है।
इतना ही नहीं आईसीसी को सबसे ज्यादा आमदनी देने के सबसे बड़ा जरिया बीसीसीआई है। क्रिकेट की पिच पर भारतीय सितारों का सिक्का हर दौर में चलता रहा है।
सचिन के बाद अब विराट और रोहित शर्मा जैसे बड़े क्रिकेटरों की दीवानगी पूरे क्रिकेट जगत में देखने को मिलती है लेकिन उसी देश में कई क्रिकेटर जो आर्थिक रूप से काफी कमजोर है। हालांकि अच्छी बात है कि बीसीसीआई भी समय-समय पर ऐसे खिलाडिय़ों को अपने स्तर से मदद देता रहता है।
इसके अलावा कई राज्य के क्रिकेट संघ जो ऐसे खिलाडिय़ों की मदद करते रहते हैं। मौजूदा वक्त में कई राज्य क्रिकेट संघ अपने खिलाडिय़ों को किसी न किसी रूप में मदद देने का काम करते हैं लेकिन इसके बावजूद कई राज्यों में ऐसा नहीं है और कई खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी में खेलने के बावजूद उनके जीवन पर संकट देखने को मिलता है।
अशोक बांबी ने यूपीसीए से लगायी मदद की गुहार
बात अगर उत्तर प्रदेश क्रिकेट की करे तो हालात काफी खराब है और यहां के कई राज्य स्तर के खिलाड़ी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं और उनके पास अपनी जिंदगी गुजारने के लिए ठीक-ठाक पैसा भी नहीं है। यूपीसीए की तरफ से उन्हें कोई खास मदद नहीं मिलती है।
भारतीय टीम के पूर्व मैनेजर और यूपी के पूर्व रणजी क्रिकेटर अशोक बाम्बी भी लगातार इस मुद्दे को यूपीसीए के सामने उठाते रहे हैं। उन्होंने कल ही अपने एक विशेष कॉलम में कहा है कि मैं कई वर्षों से यह लगातार मांग उठा रहा हूं की वे रणजी ट्रॉफी खिलाड़ी जिन्होंने 24 से कम मैच खेले हैं उनको उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ पेंशन दे।
इस समय लगभग देश के 50 प्रतिशत राज्य क्रिकेट संघ अपने उन खिलाडिय़ों को मदद कर रहे हैं जो की इस श्रेणी में आते हैं। कई क्रिकेट संघ तो ऐसे हैं जो उन खिलाडिय़ों को भी राज्य स्तर पर पेंशन दे रहे हैं जिनको बीसीसीआई भी पेंशन दे रहा है यानि जिन्होंने 25 या उससे अधिक मैच खेले है।
उन्होंने कहा कि मैं राजीव शुक्ला जी से अनुरोध करता हूं कि कृपया ऐसे खिलाडिय़ों की मदद अवश्य करें जो की इस श्रेणी में आते हैं। इन खिलाडिय़ों को इस समय आर्थिक सहायता के साथ-साथ मेडिकल सुविधा भी प्राप्त हो तो बहुत अच्छा होगा।
हम सभी उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व खिलाड़ी आपके शुक्रगुजार होंगे यदि आप इस संदर्भ में विचार करते हैं और अतिशीघ्र खिलाडिय़ों को पेंशन व मेडिकल सुविधा दिलवाते हैं।