जुबिली न्यूज डेस्क
श्रीलंका में गहराते आर्थिक संकट की वजह से लगातार राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग जोर पकड़ रही है।
वहीं इस संकट के बीच राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने सोमवार को 17 मंत्रियों वाली नई कैबिनेट नियुक्त की है।
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परिवारवाद के आरोपों को झेल रहे राजपक्षे ने नई कैबिनेट में सिवाय प्रधानमंत्री (महिंदा राजपक्षे) के अपने किसी भी रिश्तेदार को शामिल नहीं किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने माना कि साल 2020 में केमिकल फर्टिलाइजर्स पर प्रतिबंध लगाना, उनका गलत फैसला था। इसकी वजह से देश में खाद्य उत्पादन में भारी कमी आई।
इसके साथ ही राजपक्षे ने ये भी स्वीकार किया कि उनकी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बेलआउट पैकेज मांगने में देर कर दी। उन्होंने कहा, “आईएमएफ के पास न जाना गलती थी।”
साल 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आने की वजह से श्रीलंका में खाद्य पदार्थों और ईंधन की कमी हो गई है और दाम आसमान छू रहे हैं।
बढ़ती महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है। लोग एक-एक चीज के लिए तरस रहे हैं। पिछले दिनों तो लोग सड़क पर उतर गए थे।
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