Friday - 25 October 2024 - 5:36 PM

दिल्ली की जहरीली आबोहवा को रोकने के लिए ग्रैप फार्मूला होगा लागू ?

जुबिली स्पेशल डेस्क

गर्मी का मौसम अब विदा होने वाला है और सर्दी का मौसम दस्तक देने जा रहा है लेकिन इस सब के बीच दिल्ली की हवा अब पहले से ज्यादा खतरनाक होती हुई नजर आ रही है।

दरअसल दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अचानक से काफी ज्यादा ऊपर पहुंच गया है। इसका नतीजा ये हुआ है कि एनसीआर में धुंध दिखाई देने लगी है।

मामला यहीं पर खत्म नहीं हुआ बल्कि राजधानी में सामग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 293 तक जा पहुंची। इसे सबसे खराब माना जाता है और यमुना नदी में जहरीली झाग दिखाई दी है। कालिंदी कुंज में यमुना नदी के पानी के ऊपर झाग की परत साफ देखी जा सकती है।

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप)-1 के दिशा-निर्देशों के तहत धूल के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए पानी का छिडक़ाव करने पर मजबूर होना पड़ा और अगर स्थिति को काबू नहीं किया जा सका तो ग्रैप-2 की पाबंदियां भी लगाने पर विचार किया जा सकता है।

क्या है एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स)

  • 0-50 अच्छा
  • 51-100 औसत
  • 101-200 असामान्य
  • 201-300 खराब
  • 301-400 ज्यादा खराब
  • 400 से ज्यादा बेहद खतरनाक

वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गणना : वायु गुणवत्ता सूचकांक कण पदार्थ (पीएम<सब>2.5और पीएम<सब>10), ओजोन (ओ<सब>3), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO) 2 ), सल्फर डाइऑक्साइड (SO 2 ) और कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) उत्सर्जन के माप पर आधारित है।

इससे पहले जब 2021 में स्थिति ख़राब हुई थी तब दिल्ली-एनसीआर में अब 50 फीसदी स्टाफ को वर्क फ्रॉम होम करने के लिए कहा गया था । ये 21 नवंबर तक लागू रहा था । सरकारी बल्कि प्राइवेट को भी यह आदेश मानने को कहा गया था कहा गया था।

मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियां और खेतों में आग लगाने (पराली आदि जलाने) को दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का कारण माना जा रहा है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि लोगों को सांस लेने में समस्या बढ़ सकती है। वहीं, वैज्ञानिकों ने अगले दो हफ्तों में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी होने की चेतावनी दी है।

  • ग्रैप (Graded Response Action Plan) का मतलब है, किसी शहर या राज्य में वायु प्रदूषण पर लगाए जाने वाले प्रतिबंध
  • दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रैप को लागू किया जाता है. यह चार चरणों में लागू होता है:
  • एक्यूआई 201 से 300 के बीच होने पर ग्रैप का पहला चरण लागू होता है.
  • एक्यूआई 401 से 450 के बीच होने पर तीसरा चरण लागू होता है.
  • एक्यूआई 450 से अधिक होने पर चौथा चरण लागू होता है.
  • ग्रैप के तहत, प्रदूषण से निपटने के लिए कई तरह के नियम लागू किए जाते हैं, जैसे कि:
    होटलों और रेस्तरां में कोयला और लकड़ी के इस्तेमाल पर रोक
    पुराने पेट्रोल (बीएस-III) और डीज़ल (बीएस-IV) वाहनों पर कड़ी निगरानी
  • निर्माण और विध्वंस कार्यों में धूल को रोकने के उपाय
  • खुली जगहों पर कचरा जलाने और फेंकने पर रोक
  • सड़कों पर धूल उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव
  • डीज़ल जनरेटर सेट के इस्तेमाल पर रोक
  • वाहनों के पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) नियमों का कड़ाई से पालन
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