जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अगले साल देश का सबसे बड़ा हथियारों का मेला लगने जा रहा है। इस तीन दिवसीय 11वें डिफेंस एक्सपो की शुरुआत 5 फरवरी से होगी।
इसकी थीम द इंडिया: द इमर्जिंग डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब यानी’ भारत: उभरता हुआ रक्षा विनिर्माण केंद्र’ रखी गई है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह भारतीय रक्षा उद्योग के लिए अपनी क्षमताओं को दिखाने और निर्यात की संभावना तलाशने के लिए बड़ा मौका साबित होगा।
The 11th DEFEXPO INDIA- 2020 TO BE HELD IN LUCKNOW, Uttar Pradesh. DefExpo Exhibitions offer an excellent opportunity to show case the capabilities of the Indian Defence Industry and to promote their export potential. #DefExpo2020 pic.twitter.com/fVzz6n35aQ
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) July 21, 2019
लखनऊ से सांसद एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को ट्वीट किया कि हम डिफेंस एक्सपो में दुनिया भर के रक्षा उद्योगों, प्रदर्शनी लगाने वालों, मंत्री स्तरीय प्रतिनिधिमंडलों का स्वागत करते हैं। भारत रक्षा क्षेत्र के उत्पादों के निर्माण में एक केंद्र के रूप में उभर रहा है।
यह मौका न केवल हमारे सैनिकों बल्कि हमारे रक्षा उत्पादों के दुनिया भर में निर्यात के लिए सह निर्माण व सह उत्पादन के लिए उत्साह बढ़ाने वाला है।
We in the Ministry of Defence welcome Defence Industry OEMs, Exhibitors and Ministerial level delegations from the foreign countries including visitors from all over the world, to display their latest innovations in #DefExpo2020. https://t.co/j00BEPuC1M
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 21, 2019
रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में मजबूत रक्षा औद्योगिक आधारभूत ढांचा है। राजधानी लखनऊ सहित कानपुर, कोरवा और नैनी में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स की चार यूनिट हैं। इसके साथ ही नौ ऑर्डिनेंस फैक्टरी यूनिट हैं। इसमें कानपुर, कोरवा, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद और गाजियाबाद में भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड की एक इकाई शामिल हैं।
इसके अलावा राज्य में मोदी सरकार के पहले कार्यकाल से ही डिफेंस कॉरिडोर पर काम चल रहा है। विभिन्न कंपनियां रक्षा आयुध और उपकरण के लिए इसी कॉरिडोर पर यूनिट लगाएंगी। इस लिहाज से ये बेहद महत्वपूर्ण होगा।
डिफेंस एक्सपो में लखनऊ में दुनियाभर के अत्याधुनिक हथियारों की नुमाइश की जाएगी। इसमें रक्षा उद्योगों से जुड़ी दुनिया की नामचीन कम्पनियां भाग लेंगी और अपने हथियारों की प्रदर्शनी लगायेंगी।
डिफेंस एक्सपो भारत की कई रक्षा प्रणालियों और इसके उपकरणों के निर्माण जिसमें सेना, वायुसेना और नौसेना के लिए निर्माण और निर्यात की क्षमता को लेकर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इसमें डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ डिफेंस पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा। इस दौरान सरकार के स्तर पर कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर आने वाले दस सालों में भारत की अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित होगा और इसका बड़ा लाभ उत्तर प्रदेश को मिलेगा, क्योंकि डिफेंस कॉरिडोर के कारण यहां विभिन्न विकासपरक गतिविधियां संचालित होंगी।
ऐसे में प्रदेश सरकार ने जिस तरह से इसको लेकर आकर्षक नीति बनायी और अब इस माहौल में डिफेंस एक्सपो का आयोजन यहां हो रहा है, वह उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास के लिहाज से बेहद मददगार साबित हो सकता है।
मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने की कवायद
नरेन्द्र मोदी सरकार अपने कार्यकाल से ही मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने में जुटी है। प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर को मंजूरी देने के पीछे भी यही मूल भावना है। भारत हर साल विदेशों से लाखों करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण खरीदता है और यह रक्षा उपकरणों पर खर्च करने के मामले में विश्व का छठा सबसे बड़ा देश है।
ऐसे में डिफेंस कॉरिडोर बनने से देश के रक्षा सेक्टर की जरूरतें जहां अपनी ही जमीन पर पूरी करने में मदद मिलेगी। मेक इन इंडिया को बल मिलेगा वहीं रोजगार के नये अवसर भी सृजित होंगे। लखनऊ में डिफेंस एक्सपो के दौरान भी इस बात का संदेश देने की कोशिश की जायेगी।
डिफेंस सेक्टर का बड़ा केन्द्र बनकर उभरेगा यूपी
इस तरह की कवायद के चलते देश बड़े पैमाने पर रक्षा उपकरणों के निर्यात में भी आगे बढ़ सकता है। इसीलिए डिफेंस एक्सपो के दौरान उत्तर प्रदेश को डिफेंस सेक्टर के लिए तेजी से उभरते निवेश स्थल के रूप में प्रदर्शित किया जायेगा।
ऐसा इसलिए भी है क्योंकि योगी आदित्यनाथ सरकार रक्षा क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उप्र रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2018 को लागू कर चुकी है। प्रदेश सरकार के इस फैसले से उत्तर प्रदेश में फाइटर प्लेन, टैंक, हेलीकॉप्टर समेत सभी तरह के रक्षा उपकरण बनने की राह खुली है।
यूपी को डिफेंस कॉरिडोर का मिलेगा बड़ा फायदा
राज्य के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय के मुताबिक यह रक्षा क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन देने वाली यह देश की सबसे बेहतरीन नीति है। इसकी बदौलत अगले पांच साल में प्रदेश में पचास हजार करोड़ रुपये का निवेश और ढाई लाख लोगों के लिए रोजगार का सृजन होगा। इसके साथ ही इससे डिफेंस कॉरिडोर के लिए निवेशक आकर्षित होंगे।
प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर का मुख्य केन्द्र बिन्दु बुन्देलखण्ड है। यह अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट, कानपुर और लखनऊ से होकर गुजरेगा। प्रदेश सरकार के फैसले के मुताबिक डिफेंस कॉरिडोर में भूमि खरीदने पर चालू सर्किल रेट अथवा खरीद मूल्य में से जो भी कम हो, की लागत के 25 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जाएगी।