जुबिली स्पेशल डेस्क
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट होने के बाद भी हालात समान्य होने का नाम नहीं ले रहे हैंं। अब भी वहां पर डर का माहौल है और अब तक हिंसा में सैकड़ों लोगों की जा चुकी है। प्रदर्शनकारी अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बना रहे हैं।
कई हिंदुओं के घरों को आग के हवाले कर दिया गया और अब भी उनकी जान को खतरा बताया जा रहा है। भले ही बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो गया हो लेकिन इसके बावजूद वहां की स्थिति काफी चिंताजनक बनी हुई है।
वहीं बांग्लादेश में अब शेख मुजीबुर्रहमान के नाम को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल बांग्लादेश की नई सरकार 15 अगस्त को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय शोक दिवस खत्म करने पर विचार कर सकती है। इसको लेकर मांग की जा रही है और नई सरकार आज इस पर कोई फैसला ले सकती है।
डॉक्टर यूनुस इसको लेकर एक बैठक करने जा रहे हैं और सभी से बात कर इसपर कोई फैसला ले सकते हैं।
लगभग सभी दलों ने 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक मनाने की परंपरा को खत्म करने की मांग की है।
बांग्लादेश में प्रदर्शनकारी लगातार शेख मुजीबुर्रहमान की पहचान को मिटाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। बता दें कि तख्तापलट के दिन उनकी प्रतिमाओं को तोड़ा है और जिस जगह भी उनकी प्रतिमा लगी थी उसे ढहा दिया गया और अब उनके नाम को मिटाने की पूरी कोशिश की जा रही है।शेख हसीना की सरकार में मुजीबुर्रहमान को लेकर फादर ऑफ नेशन की बनाई गई पहचान को अब धीरे-धीरे मिटाने के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है।
बता दे बांग्लादेश इस समय पूरी तरह से जल रहा है। प्रदर्शनकारी सडक़ पर उतरकर हर तरफ नुकसान और तोडफ़ोड़ कर रहे हैं। हालात बेहद खराब हो चुके हैं और सेना स्थिति को संभालने के लिए जुटी हुई लेकिन अब तक स्थिति काबू में नहीं आई है। वहीं दूसरी तरफ शेख हसीना को देश छोडक़र भागने पर मजबूर होना पड़ा है।
15 साल से सत्ता में रहने वाली शेख हसीना को 5 अगस्त को सिर्फ 45 मिनट के अंदर देश को छोडऩा पड़ा था । हालांकि वो पीएम पद से इस्तीफा दे चुकी थी और सत्ता छोडऩे के लिए पहले ही तैयार हो चुकी थी लेकिन जनता की नाराजगी उनकी जान के लिए खतरा बन गई थी।