Monday - 28 October 2024 - 4:39 PM

क्या राहुल गांधी बनायेंगे शैडो कैबिनेट कमेटी?

जुबिली स्पेशल डेस्क

भारतीय राजनीति में इस वक्त काफी घमासान मचा हुआ है। बीजेपी लोकसभा चुनाव में अपने बल पर सरकार बनाने में नाकाम रही और उसके 400 प्लस का नारा भी पूरी तरह से फेल हो गया और सिर्फ 240 सीट ही जीत सकी।

इस वजह से उसे नीतीश कुमार और नायडू का साथ लेना पड़ा। उनकी बदौलत एनडीए ने अपनी सरकार बनाने में एक बार फिर कामयाब रही है तो दूसरी तरफ इंडिया बॉल्क ने 235 सीटें जीतकर एक मजबूत विपक्ष के तौर पर अपनी पहचान बनायी है।

ऐसे में अब सरकार के हर फैसले पर इंडिया गठबंधन की पैनी नजर होगी और वो संसद में वो जनता की आवाज बनकर आपने आपको पेश करेगी।

वहीं इस बार कांग्रेस को लोकसभा में विपक्ष का दर्जा मिलेगा। बता दें कि साल 2014 के बाद पहली बार कांग्रेस को लोकसभा में विपक्ष का दर्जा मिलेगा।

साल 2014 में कांग्रेस को 44 और साल 2019 में 52 सीटें मिलीं थीं। राहुल गांधी को निचले सदन में नेता प्रतिपक्ष बनाये गया है। इसका मतलब है कि अब सरकार को हर फैसले में राहुल गांधी से सलाह लेना पड़ेगा। राहुल गांधी पहले से ही मोदी सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते रहते थे और निचले सदन में नेता प्रतिपक्ष बनाये गए और अब वो पहले से मजबूत हो गए है।

माना जा रहा है कि राहुल गांधी सोनिया गांधी की तरह कमेटी बना सकते हैं जो सीधे तौर पर मोदी सरकार के कामकाज पर अपनी पैनी नजर रखेगी। राहुल गांधी को इस काम से सबसे ज्यादा मदद अखिलेश यादव दे सकते हैं। माना जा रहा है कि राहुल गांधी अखिलेश यादव को अहम जिम्मेदारी सौंप सकते हैं।

आपको थोड़ा फ्लैश बैक में ले जाते हैं, जब साल 1999 में जब सोनिया गांधी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का जिम्मा संभाला तब उन्होंने कई कमेटियां बनाई थीं। सोनिया ने मनमोहन सिंह, अर्जुन सिंह, सलमान खुर्शीद, प्रणब मुखर्जी, मणि शंकर अय्यर, आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण, जयराम रमेश, सुरिंदर सिंह सिंगला, नटवर सिंह, मार्ग्रेट अल्वा, सुखबंस कौर भिंडर, राजेश पायलट, बलराम जाखड़, एसएस सुरजेवाला, पीसी चाको, को अलग-अलग मंत्रालयों के काम-काज देखने और लोकसभा सत्र के दौरान जरूरी मुद्दे उठाने की जिम्मेदारी दी थी और ये सिलसिला आगे भी जारी रहा है।

अब राहुल गांधी भी इसी ट्रैक पर चलेगे और कमेटी का गठन कर सकते हैं। उनके पास कई अनुभवी लोग है जो उनको मजबूती दे सकते हैं।

राजनीतिक के जानकारों की माने तो राहुल अगर शैडो कैबिनेट की योजना बनाते हैं तो इसमें कांग्रेस के नेताओं के साथ-साथ अन्य दलों को शामिल करते हैं तो इंडिया ब्लॉक सदन में जनता के मुद्दों को असानी से उठा सकती है। इस तरह से राहुल गांधी एक शैडो प्रधानमंत्री के तौर पर देखे जायेगे। कुल मिलाकर अगला पांच साल राहुल गांधी के लिए काफी अहम होने जा रहा है और उनको अब एक बड़े राजनेता के तौर पर अपनी छाप छोडऩे का सुनहरा मौका है।

Radio_Prabhat
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