जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव करीब है। ऐसे में नेताओं का पाला बदलने का खेल भी खूब देखने को मिल रहा है। सियासी फायदे को देखते हुए नेता कभी इस दल में तो कभी उस दल में जाते नजर आ रहे हैं।
शुरुआत में बीजेपी से कई नेताओं ने किनारा कर साइकिल की सवारी करने में विश्वास दिखाया है। उनमें उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा छोडक़र समाजवादी पार्टी में शामिल होकर सबको चौंका डाला है।
हालांकि उनकी बेटी और बदायूं से सांसद संघमित्रा मौर्य अब भी बीजेपी में बनी हुई और किसी और पार्टी में उनका जाने का कोई इरादा नहीं है लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि पार्टी के कहने पर भी पिता के खिलाफ़ प्रचार नहीं करेंगी।
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उन्होंने देश के जाने-माने न्यूज चैनल से बातचीत में कहा है कि मैं बीजेपी के साथ हूं और रहूंगी. मेरे पिता ने सपा में जाने से पहले कोई चर्चा नहीं की. मेरे ऊपर बीजेपी छोडऩे का दबाव नहीं है, पारिवारिक जीवन और राजनीतिक जीवन बिल्कुल अलग-अलग हैं, मैं पूरे प्रदेश में बीजेपी का प्रचार करूंगी। पर पार्टी के कहने पर भी पिता के ख़िलाफ़ प्रचार नहीं करूंगी। मुझे बीजेपी वालों को वफ़ादारी का सर्टिफिकेट देने की ज़रूरत नहीं है।
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कुल मिलाकर देखा जाये तो इस बार चुनाव काफी रोचक होता नजर आ रहा है। समाजवादी पार्टी अपनी सरकार बनने का दावा जरूर कर रही है लेकिन योगी को उम्मीद है यूपी की जनता बीजेपी को दोबारा सत्ता दिलायेगी।