जुबिली न्यूज डेस्क
गुरुवार को एकाएक क्वॉड संगठन की बैठक हुई, जिसमें यूक्रेन के हवाले से ताइवान पर बातचीत हुई।
क्वॉड देशों की वर्चुअल बैठक में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं ने कहा कि यूक्रेन जैसी घटना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नहीं होनी चाहिए।
दरअसल यूक्रेन युद्ध के साथ-साथ ताइवान को लेकर बढ़ती चिंताओं के दौरान यह बैठक हुई जिसमें भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा शामिल हुए।
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यूक्रेन पर रूस के हमले का हवाला देते हुए जापान के पीएम फूमियो किशिदा ने कहा, “हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि यथास्थिति में बलपूर्वक एकतरफा बदलाव की इजाजत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नहीं दी जा सकती।”
किशिदा का इशारा चीन द्वारा ताइवान पर हमले की संभावना की ओर था। ताइवान खुद को एक स्वतंत्र लोकतांत्रिक देश मानता है जबकि चीन उसे अपना हिस्सा बताता है।
बैठक के बाद पीएम किशिदा ने पत्रकारों को बताया, “हम इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि यह घटना (यूक्रेन का युद्ध) इस बात को और अहम बना देती है कि एक आजाद और खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र कितना जरूरी है।”
चीन का नाम लिए बिना हुई बातचीत
नेताओं ने बैठक के दौरान इसी तरह की टिप्पणियां कीं, जिनका इशारा चीन की ओर था। ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन ने कहा, “जो यूक्रेन में हो रहा है, उसे हम हिंद-प्रशांत में नहीं होने दे सकते। हम एक स्वतंत्र और खुला हिंद-प्रशांत बनाए रखने को प्रतिबद्ध हैं, जहां छोटे देशों को बड़ी ताकतों से डरने की जरूरत ना हो।”
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मालूम हो इसी महीने ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में क्वॉड देशों के विदेश मंत्रियों की सालाना बैठक हुई थी। आने वाले महीनों में इन राष्ट्राध्यक्षों का जापान में मिलने का कार्यक्रम है लेकिन गुरुवार की बैठक का एकाएक ऐलान हुआ।
इस बैठक के बाद जारी एक साझा बयान में क्वॉड नेताओं ने दोहराया कि क्षेत्र में सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए और वे सैन्य, आर्थिक व राजनीतिक दबाव से मुक्त रहें।
हालांकि साझा बयान में ताइवान का जिक्र नहीं किया गया लेकिन कहा गया कि नेताओं ने यूक्रेन विवाद और मानवीय संकट पर बात की।
बयान के अनुसार, “वे इस बात पर सहमत हुए कि मानवीय सहायता और आपदा राहत-बचाव की एक प्रक्रिया बनाए जाने की जरूरत है जो भविष्य में क्वॉड देशों को मानवीय चुनौतियों से निपटने में मददगार साबित होगी।”
I met with my fellow Quad leaders Prime Minister Scott Morrison, Prime Minister Narendra Modi, and Prime Minister Kishida Fumio about Russia’s ongoing attack on Ukraine and our commitment to sovereignty and territorial integrity around the world, including in the Indo-Pacific. pic.twitter.com/K84ZD2gFrF
— President Biden (@POTUS) March 3, 2022
ताइवान ने किया स्वागत
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ट्वीट कर कहा कि इस बैठक में क्वॉड नेताओं ने “हिंद-प्रशांत समेत, पूरी दुनिया में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति हमारी वचनबद्धता पर बात की।”
वॉशिंगटन में ताइवान के प्रतिनिधि कार्यालय ने क्वॉड की इस प्रतिबद्धता का स्वागत किया है। उन्होंने एक बयान में कहा, “ताइवान क्षेत्र के सभी शांतिप्रिय साझीदारों के साथ स्थिरता और प्रगति की दिशा में काम करता रहेगा।”
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साझा बयान के अनुसार भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि “क्वॉड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और प्रगति के अपने मुख्य लक्ष्य पर केंद्रित रहे।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन संकट में कूटनीतिक हल की ओर लौटने की जरूरत पर बल दिया।
क्वॉड सदस्यों में भारत एकमात्र देश है जिसने यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस की निंदा नहीं की है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्तावों पर मतदान से भी परहेज किया है।