जुबिली स्पेशल डेस्क
नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से सक्रिय हो गई है। बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव है। इस वक्त नीतीश कुमार सीएम बने हुए हैं और बीजेपी उनको समर्थन दे रही है लेकिन अंदर खाने की खबर है कि बिहार में बीजेपी अपना सीएम चाहती है।
इसी रणनीति के तहत भाजपा लगातार गिरिराज सिंह को आगे बढ़ा रही है। ऐसे में जदयू को इस बात का एहसास है और वह अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए कई कड़े कदम उठा सकती है।
अब जानकारी मिल रही है कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी को बचा ले के लिए अपने बेटे निशांत को राजनीति में लॉन्च कर सकते हैं।
अगर नीतीश कुमार ऐसा करते हैं तो आने वाले दिनों में तेजस्वी यादव को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
बिहार में ही दिवंगत रामविलास पासवान और लालू यादव की पार्टियों को अब उनके बेटे चला रहे हैं।
नीतीश कुमार अक्सर परिवारवाद के खिलाफ लालू यादव को घेरते है। उन्होंने हमेशा समाजवाद का झंडा बुलंद किया है और परिवारवाद के खिलाफ आवाज उठाई है।इस वजह है कि उन्होंने अभी तक अपने बेटे को राजनीति से दूर रखा है।
जानकारी मिल रही है कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी को बचाने के लिए अपने बेटे को राजनीति में ला सकते हैं। हालांकि, नीतीश कुमार अगर ऐसा करते हैं तो परिवारवाद के खिलाफ उनके हमले भी ठंडी बस्ते में जा सकते हैं।
दूसरी दूसरी तरफ नीतीश के इस कदम से बीजेपी को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसकी वजह है लालू यादव के खिलाफ भाजपा हमेशा परिवारवाद का आरोप लगाती रही है।
नीतीश कुमार की अपनी पार्टी जेडीयू में खटपट चल रही है। कई नेता पार्टी के फैसलों से नाराज चल रहे हैं ऐसे में नीतीश कुमार चाहते हैं की पार्टी को दोबारा मजबूत किया जाए ताकि विधानसभा चुनाव में उनकी राह आसान हो सके।