जुबिली स्पेशल डेस्क
बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार सरकार में पूर्व मंत्री मुकेश सहनी को लेकर चर्चा जोरों पर है कि वे जल्द ही तेजस्वी यादव का साथ छोड़कर एनडीए में वापसी कर सकते हैं।
बीजेपी की ओर से मिले हालिया संकेतों ने इन अटकलों को और हवा दे दी है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बुधवार (16 अप्रैल) को मीडिया से बातचीत में बड़ा बयान देते हुए कहा,
“हमारे गठबंधन में अभी पाँच पांडव (बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी रामविलास, हम और आरएलएम) हैं। लेकिन महागठबंधन के एक दल से बातचीत चल रही है, जो हमारे गठबंधन में आने का प्रयास कर रहा है। वह रात में लुका-छिपी खेल रहा है।”
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हालांकि दिलीप जायसवाल ने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया, लेकिन सियासी जानकार इसे मुकेश सहनी की ओर ही इशारा मान रहे हैं। सहनी की पार्टी वीआईपी अभी तक महागठबंधन का हिस्सा है और तेजस्वी यादव के साथ उनका तालमेल काफी मजबूत माना जाता रहा है।
बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि,
“अगर वह दल सम्मानजनक तरीके से बात करता है तो गठबंधन पर विचार किया जा सकता है।”
क्या फिर लौटेंगे पुराने ठिकाने पर?
गौरतलब है कि मुकेश सहनी पहले भी एनडीए का हिस्सा रह चुके हैं। वर्ष 2020 में उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और सरकार में मंत्री भी बने थे। हालांकि, बाद में रिश्तों में खटास आ गई थी और उन्होंने तेजस्वी यादव का साथ पकड़ लिया था।
अब जब लोकसभा चुनाव की सरगर्मियाँ तेज़ हो रही हैं, तो सहनी का रुख एक बार फिर बदलता दिख रहा है। अगर वे एनडीए में लौटते हैं, तो बिहार की राजनीति में एक बार फिर समीकरण बदल सकते हैं। अगर मुकेश सहनी तेजस्वी यादव का साथ छोड़ते हैं तो बिहार की राजनीति में इसका गहरा असर पड़ सकता है और महागठबंधन के लिए ये एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।