जुबिली न्यूज डेस्क
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार को लेकर भाजपा की चिंता बढ़ गई है। भाजपा की चिंता भी जायज है, क्योंकि किसान आंदोलन के नेताओं ने राज्य की जनता से अपील की है कि वे अपने विधायकों पर दवाब बनाएं ताकि वे राज्य की भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार के खिलाफ 10 मार्च को सदन में लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट करें।
हरियाणा में विपक्षी दलों ने शुक्रवार को विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन ही खट्टर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी, जिस पर विधानसभा स्पीकर ने 10 मार्च को इस प्रस्ताव पर चर्चा को मंज़ूरी दे दी है
इस मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, ”अविश्वास प्रस्ताव से लोगों को पता चल जाएगा कि कौन विधायक सरकार के साथ खड़ा है और कौन किसानों के साथ खड़ा है” ।
किसान नेताओं ने की अपील
संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा की जनता से की गई एक सार्वजनिक अपील में कहा है कि खट्टर सरकार केंद्र सरकार के साथ मिल कर तीन कृषि कानूनों पर किसानों के खिलाफ गोलबंदी कर रही है ताकि इस आंदोलन को कमजोर किया जा सके।
वहीं ऑल इंडिया किसान-सभा हरियाणा के उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा, ‘जेजेपी और निर्दलीय विधायकों को विशेष रूप से संपर्क किया जाएगा और खट्टर सरकार के खिलाफ प्रस्ताव के समर्थन में वोट करने के लिए कहा जाएगा। लोगों की रोजी-रोटी दांव पर है। अगर इस महत्वपूर्ण समय में वे हमारे साथ खड़े नहीं होंगे तो लोग उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे।’
शिरोमणि अकाली दल ने भी आम लोगों के बीच एक चिट्ठी बांटी है ये एक मॉडल लेटर है जिसे लोगों से अपने प्रतिनिधियों को भेजने के लिए कहा गया हैं।
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इसमे कहा गया है-‘बीजेपी-जेजेपी गठबंधन ने अब तक अपने किसान-विरोधी और जन-विरोधी रवैये का कई तरीकों से प्रदर्शन किया है। हरियाणा सरकार तीन कानूनों और एमएसपी गारंटी को लेकर चल रहे आंदोलन के प्रति असंवेदनशीलता का रवैया अपना रही है, इसे लेकर जनता का ग़ुस्सा बढ़ता जा रहा है।’
‘एक इकलौता ऐसा तरीका है जिससे जन-विरोधी सरकार को एक जरूरी पाठ पढ़ाया जा सकता है, अगर आप सरकार का समर्थन करते हैं तो जनता आपको इस चुनाव क्षेत्र में सबक सिखाएगी।Ó
90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में 40 सीटें बीजेपी और 10 सीटें जेजेपी के पास हैं। सात सीटें निर्दलीय विधायकों के खाते में हैं।