न्यूज डेस्क
पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों को लेकर इस्तीफा देने वाले आईएएस कन्नन गोपीनाथन को तुरंत ड्यूटी पर लौटने के लिए कहा गया है। दमन और दीव के कार्मिक विभाग से एक नोटिस जारी किया गया है जिसमें उनका इस्तीफा स्वीकार किये जाने तक उन्हें तुरंत अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने और काम करने के लिए कहा गया है।
आईएएस गोपीनाथन को जारी नोटिस में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के नियमों का हवाला दिया गया है, जिसके तहत किसी सरकारी अधिकारी का इस्तीफा तभी प्रभाव में आता है जब उसे स्वीकार किया जाता है।
नोटिस में लिखा है, ‘इसलिए आपको निर्देश दिया जाता है कि जब तक आपके इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं ले लिया जाता है, तब तक आप तुरंत अपनी ड्यूटी ज्वाइन करें और आपके लिए निर्धारित किए गए जिम्मेदारियों को पूरा करें।’
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नोटिस गेस्ट हाउस में पहुंचाया गया था जहां गोपीनाथन ठहरे थे, क्योंकि वह अब सिलवासा में नहीं थे, जहां वह तैनात थे। आईएएस अधिकारी ने 21 अगस्त को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। मीडिया को गोपीनाथन ने बताया कि उन्हें इस नोटिस के बारे में जानकारी नहीं थी।
गौरतलब है कि कन्नन गोपीनाथन ने जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों के विरोध में इस्तीफा दिया था। उन्होंने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि वे ऐसी स्थिति में काम नहीं कर सकते हैं जहां लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रता का दमन करने के लिए नौकरशाही मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह एक तरह से अघोषित अपातकाल है।
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मीडिया से बातचीत में गोपीनाथन ने कहा था, ‘यह यमन नहीं है, यह 1970 के दशक का दौर नहीं है जिसमें आप पूरी जनता को मूल अधिकार देने से इनकार कर देंगे और कोई कुछ नहीं कहेगा।’
गोपीनाथन ने कहा था, ‘एक पूरे क्षेत्र में सभी तरह के प्रतिबंधों को लगाकर उसे पूरी तरह से बंद किए हुए पूरे 20 दिन हो चुके हैं। मैं इस पर चुप नहीं बैठ सकता हूं चाहे खुलकर बोलने की आजादी के लिए मुझे आईएएस से ही इस्तीफा क्यों न देना पड़े और मैं वही करने जा रहा हूूं। मालूम हो, 2012 में आईएएस में शामिल होने वाले गोपीनाथन अरुणाचल-गोआ-मिजोरम-केंद्र शासित प्रदेश कैडर से जुड़े हुए हैं।
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