जुबिली स्पेशल डेस्क
गुलाम नबी आजाद इन दिनों सुर्खियों में है। उन्होंने हाल में कांग्रेस से किनारा करते हुए नई पार्टी बना डाली लेकिन अब वही पार्टी टूटती हुई नजर आ रही है।
दरअसल उनकी नई पार्टी आजाद डेमोक्रेटिक पार्टी में शामिल 17 नेताओं ने फिर से कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। इसके बाद गुलाम नबी आजाद अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं।
अब ये बड़ा सवाल ये हैं कि गुलाम नबी आजाद अगला कदम क्या उठाते हैं। गुलाम नबी आजाद की पार्टी में अब कोई बड़ा नेता भी शामिल नहीं है। इस वजह से उनकी पार्टी के भविष्य पर सवाल उठा रहा है।
अब देखना होगा कि आने वाले वक्त में गुलाम नबी आजाद फिर से कांग्रेस का हाथ थामते हैं या फिर वो अकेले ही विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को चुनौती देते हैं। उधर बड़े नेताओं के पार्टी छोडऩे पर गुलाम नबी आजाद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह कोई झटका नहीं है।
इन तीनों नेताओं का किसी भी विधानसभा क्षेत्र में कोई वर्चस्व नहीं है। मैंउनके खिलाफ कुछ नहीं कहूंगा, क्योंकि वे मेरे पुराने सहयोगी रहे हैं। बता दें कि उनका इशारा सईद, तारा चंद और बलवान सिंह पर था जिन्होंने नई राह तलाश ली है। हालांकि गुलाम नबी आजाद की पार्टी को चुनाव आयोग से भी अभी मान्यता नहीं मिली है।
कांग्रेस में वापसी करने वालों में जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री हैंचांद, पूर्व विधायक बलवान सिंह और पूर्वमंत्री मनोहर लाल शर्मा जैसे कद्दावर नेता शामिल हैं।
बता दें कि गुलाम नबी आजाद कभी कांग्रेस के सबसे भरोसमंद चेहरों में एक माने जाते थे लेकिन हाल के दिनों में उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और राहुल गांधी पर उन्होंने जमकर निशाना साधा था। इतना ही नहीं इसके बाद उन्होंने कांग्रेस को छोड़ दी थी और अपनी नई पार्टी बनाकर सीधे तौर पर कांग्रेस को चुनौती देनी शुरू कर दी थी। इसके आलावा कई मौकों पर पीएम मोदी और बीजेपी की तारीफ भी कर डाली थी।