जुबिली स्पेशल डेस्क
लोकसभा चुनाव अब बेहद कम दिन रह गया है। बीजेपी लगातर एक्टिव है तो दूसरी तरफ विपक्ष भी एक हो गया है लेकिन विपक्षी एकता काफी कमजोर नजर आ रही है क्योंकि ‘इंडिया’ गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर टकराव देखने को मिल रहा है।
दरसअल कांग्रेस को लेकर विपक्षी दलों में एक राय नहीं बन पा रही है। बंगाल में ममता ने साफ कर दिया है कि वो अकेले भी चुनाव लड़ सकती है जबकि अखिलेश यादव और केजरीवाल के साथ-साथ महाराष्ट में सीट शेयरिंग पर तनाव की स्थिति देखने को मिल रही है।
दूसरी तरफ बीजेपी लगातार एक्टिव है और एक बार फिर सत्ता में वापसी का दम भर रही है। लेकिन इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई और लोकसभा चुनाव में सिर्फ 2 महीने का समय बचा है। विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान अब भी जारी है।
अब तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस को सलाह दी है और कहा है कि कांग्रेस 300 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि कुछ विशेष क्षेत्रों में लड़ाई का नेतृत्व क्षेत्रीय नेताओं द्वारा किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अकेले 300 लोकसभा सीटों पर लड़ सकती है और इसके लिए वो कांग्रेस की मदद भी करेंगी। ममता बनर्जी ने कहा कि मैं उन सीट पर चुनाव नहीं लड़ूंगी, लेकिन वे (कांग्रेस) अपनी बात पर अड़े हुए हैं। अब अगर कांग्रेस ममता बनर्जी की बात नहीं मानती है तो सीट शेयरिंग पर विवाद हो सकता है।ममता बनर्जी ने कहा, ‘मेरे पास भाजपा से मुकाबला करने और उनके खिलाफ लड़ने की ताकत और जनाधार है। लेकिन, कुछ लोग सीट बंटवारे को लेकर हमारी बात नहीं सुनना चाहते. अगर आप भाजपा से नहीं लड़ना चाहते तो कम से कम उसके खाते में सीट तो मत जाने दें।
ममता ने कहा, ‘मैंने विपक्षी दलों की बैठक में गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ रखने का सुझाव दिया था, लेकिन जब भी मैं बैठक में शामिल होती हूं तो देखती हूं कि वाम दल इसे नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं. यह स्वीकार्य नहीं है।
मैं उन लोगों से सहमत नहीं हो सकती जिनके खिलाफ मैंने 34 साल तक संघर्ष किया। इस तरह के अपमान के बावजूद, मैंने समझौता किया और ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठकों में हिस्सा लिया।’