जुबिली न्यूज डेस्क
केरल में मतगणना जारी है। अब तक के रूझान में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है। अगर यही रुझान चुनावी परिणाम में तब्दील हो गए तो एक नया इतिहास बनेगा।
40 साल में ऐसा पहली बार होगा जब राज्य में कोई पार्टी लगातार दूसरा चुनाव जीतेगी। अब तक के आए रुझान में एलडीएफ गठबंधन 98 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। यानी वो बहुमत का आंकड़ा 71 पार कर गया है।
वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ फ्रंट इस समय 41 सीटों पर आगे चल रही है तो बीजेपी और उसके सहयोगी दल 1 सीट पर आगे हैं। मेट्रो मैन ई श्रीधरन अपनी सीट पर लीड कर रहे हैं। 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को महज एक सीट ही मिली थी।
ये भी पढ़े: मतगणना : रुझानों में अब तक कांग्रेस को हर तरफ से निराशा
ये भी पढ़े: LIVE : बंगाल में टीएमसी 200 पार, केरल में लेफ्ट की आंधी तो तमिलनाडु में DMK आगे
केरल में 633 मतगणना केंद्रों पर मतों की गिनती सुबह 8 बजे शुरू हुई। केरल में 140 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, उनकी कैबिनेट के 11 सदस्य, विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओमन चांडी, बीजेपी की राज्य इकाई के प्रमुख के. सुरेंद्रन, ‘मेट्रोमैन’ ई. श्रीधरन और पूर्व केंद्रीय मंत्री के जे अलफोंस सहित 957 उम्मीदवार मैदान में हैं।
केरल
LDF – 98
INC+ – 41
BJP+ 1
OTHERS – 0
पिछली बार एलडीएफ को दो तिहाई बहुमत
वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में एलडीएफ ने 140 में से 91 सीटों पर विजय पताका फहराकर सरकार बनाई थी, जबकि कांग्रेस को 47 सीटों से संतोष करना पड़ा था।
बीजेपी ने पहली बार 1 सीट से अपना खाता खोला था। लेफ्ट दलों के गठबंधन को 43.48 फीसदी और यूडीएफ को 38.81 फीसदी वोट मिले थे। बीजेपी को 15 फीसदी वोट मिले थे, लेकिन वह एक सीट ही जीत पाई थी। 2016 के चुनाव में 77.53 फीसदी वोट पड़े थे।
केरल में इससे पहले 1980 के दशक में लगातार एक ही पार्टी की सरकार बनी। 1970 में 72 और फिर 1977 के चुनाव में 111 सीटें जीतकर संयुक्त मोर्चा ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई। उसके बाद से लगातार एलडीएफ और यूडीएफ के बीच हर चुनाव में सत्ता की अदला-बदली होती रहती है।
ये भी पढ़े: योगी के विधायक ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल
ये भी पढ़े: कोरोना ने रोक दी भगवान राम पर चल रही एक अहम रिसर्च