जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले एक दशक में विकीलीक्स कई विवादों में घिरा रहा लेकिन इसका सबसे बड़ा विवाद खुद असांज के इर्दगिर्द ही रहा। उनके आलोचकों ने उन्हें अपने फायदे के लिए हेरफेर करने वाला व्यक्ति कहा तो समर्थकों ने उन्हें फंसाए जाने की साजिश बताया।
फिलहाल एक बार फिर बेवसाइट विकीलीक्स के संस्थापक असांज चर्चा में हैं। जूलियान असांज मामले में ब्रिटेन में जज ने अमेरिका की प्रत्यर्पण की मांग ठुकरा दी।
अमेरिका ने ब्रिटेन से मांग की थी कि असांज को उसके हवाले किया जाए, ताकि वहां उन पर मुकदमा चल सके, लेकिन ब्रिटिश जज ने इस मांग के खिलाफ फैसला देते हुए कहा है कि असांज की मानसिक स्थिति देखते हुए ऐसा करना उनका”उत्पीड़न” करना होगा।
यदि जुलियान असांज के खिलाफ अमेरिका में मुकदमा दर्ज होता है और यदि वह दोषी साबित होते हैं तो उन्हें 175 साल तक की सजा हो सकती है।
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अमेरिका की मांग पर जज ने कहा, “अमेरिका ने कार्यवाई की जो प्रक्रिया बताई है, उसे देखते हुए मुझे यकीन है कि मिस्टर असांज को आत्महत्या की कोशिश से नहीं रोका जा सकेगा और इस वजह से मैंने फैसला किया है कि मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह उत्पीडऩ होगा।”
कैसे शुरु हुई विकीलीक्स
जुलियन असांज ने अपनी बेवसाइट विकीलीक्स से दुनिया भर के सरकारों और नेताओं से जुड़ी गुप्त जानकारी सार्वजनिक कर चर्चा में आए।
साल 2006 में विकीलीक्स नाम से वेबसाइट रजिस्टर हुआ लेकिन इस पर काम 2007 में शुरू हुआ। इसके संस्थापक जूलियान असांज का दावा था कि वे सेंसरशिप के खिलाफ काम कर रहे हैं और अपने सूत्रों को सुरक्षित रखते हुए वे सरकारों की गुप्त जानकारियों को जनता के सामने लेकर आएंगे और उन्होंने ऐसा किया भी।
असांज पहली बार अमेरिकी जेल ग्वांतानामो बे से जुड़े दस्तावेज लीक करके दुनिया की नजरों में आए। लेकिन 2010 में तरे उन्होंने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया। उन्होंने दुनिया भर के अखबारों के साथ मिल कर सरकारों और नेताओं से जुड़ी गुप्त जानकारी सार्वजनिक की।
विकीलीक्स ने द न्यूयॉर्क टाइम्स, द गार्डियन, डेय श्पीगल, ले मोंडे और एल पाएस जैसे अखबारों के साथ मिलकर काम किया और एक करोड़ से ज्यादा दस्तावेज लीक किए।
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जिन देशों के दस्तावेज लीक किए उनमें अमेरिका से लेकर यूरोप, चीन, अफ्रीका और मध्य पूर्व तक की सरकारों से जुड़े डॉक्यूमेंट शामिल थे।
लेकिन समय के साथ-साथ विकीलीक्स ने अपना सारा ध्यान अमेरिका पर केंद्रित कर दिया। फिर क्या इस वजह से अमेरिका असांज पर रूस के साथ मिले होने का आरोप लगाने लगा, लेकिन असांज ने हमेशा इस आरोप से इनकार करते रहे।
जुलाई 2016 में विकीलीक्स ने ऐसे कई ईमेल लीक किए जो दिखाते थे कि अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर बर्नी सैंडर्स की जगह हिलेरी क्लिंटन को तवज्जो दे रही थी। इसके बाद पार्टी के कई वरिष्ठ सदस्यों को इस्तीफा भी देना पड़ा था।
इसके बाद से असांज की मुश्किलें बढ़ने लगी। असांज पर एक के बाद एक बलात्कार और उत्पीड़न के मामले दर्ज होने लगे। इन मामलों के चलते कहीं उन्हें अपने देश स्वीडन ना भेज दिया जाए, इस डर से असांज साल 2012 से 2019 तक लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में रहे।
हालांकि मई 2017 में ही स्वीडन ने उनके खिलाफ जांच बंद कर दी थी लेकिन उन्होंने दूतावास में शरण जारी रखी।
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लेकिन साल 2019 में जब इक्वाडोर में सरकार बदली तो असांज को गिरफ्तार कर लिया गया। तब से वह ब्रिटेन की उच्च सुरक्षा वाली बेलमार्श जेल में हैं। 2020 में इस जेल में कोरोना के कुछ मामले भी सामने आए थे।
यहां जुलियान असांज को बिल्कुल अकेले रखा गया है जिस कारण उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ती बताई जा रही है। उनके दोस्तों का कहना है कि वह अपनी जान लेने की कोशिश भी कर चुके हैं। ब्रिटिश जज ने भी इसी बात का हवाला देते हुए असांज को अमेरिका के हवाले ना करने का फैसला सुनाया है।