कांग्रेस के दिग्गज नेता यूपी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की हत्या कि गुथी पुलिस ने सुलझा ली है।
रोहित शेखर की हत्या के मामले में बुधवार सुबह दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पत्नी अपूर्वा को गिरफ्तार कर लिया है। अपूर्वा से पिछले तीन दिनों से पूछताछ जारी थी।
जानें पूरा मामला
अपूर्वा सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता हैं और काफी समय तक पुलिस को अपनी बातों से फंसाती रहीं। वह बार-बार पुलिस को दिया अपना बयान बदलती रहीं जिसके कारण वह पुलिस के शक के दायरे में आ गईं।
पुलिस को अब तक कई किश्तों में घंटों रोहित की पत्नी अपूर्वा, रोहित के भाई सिद्धार्थ और घर के नौकर और ड्राइवर से पूछताछ कर चुकी थी, लेकिन कातिल का नाम उजागर करने से पहले वो कत्ल की सारी कड़ियों को जोड़ लेना चाहती थी।
रोहित शेखर तिवारी के घर के अंदर कुल छह लोग थे, ना बाहर से कोई अंदर आया। ना घर से कोई बाहर गया, फिर भी छह में से एक का क़त्ल हो जाता है।
घर के अंदर और बाहर कुल सात सीसीटीवी कैमरे। एक कैमरा घर के अंदर और बाहर की सारी तस्वीरें दिखा रहा । मगर सात में से दो कैमरे खराब हैं। और ये वो दो कैमरे थे, जो रोहित शेखर के बेडरूम के दरवाजे तक झांकते, लेकिन कमाल देखिए कि वही दो कैमरे खराब मिले जो ये बता सकते थे कि वारदात वाली रात रोहित के बेडरूम में कौन गया और कौन नहीं?
रोहित की पत्नी अपूर्वा ने रोहित की मां से मौत से कुछ घंटे पहले कहा था कि रोहित सो रहा । जबकि उसी वक्त रोहित कमरे से बाहर आता है। मां के साथ खाना खाता है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक रोहित की मौत 15-16 अप्रैल की रात एक से डेढ़ बजे बीच हुई, लेकिन रोहित की मौत दो बजे से पहले हो चुकी थी तो फिर 16 अप्रैल की रात दो से 4 बजे के बीच उनके मोबाइल से फोन करने की कोशिश किसने की? क्योंकि कॉल डिटेल के मुताबिक रोहित के मोबाइल से कॉल करने की कोशिश की गई थी, हालांकि कॉल लगी नहीं।
रोहित रात करीब एक बजे अपने बेडरूम में चला गया और दूसरें दिन चार बजे तक नहीं उठा. यानी 24 घंटे से ज्यादा सोते रहें, तो घर के किसी शख्स को ये अजीब तक नहीं लगा? ऐसा क्यों?
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को बस यही वो बातें थी, जिहोने यकीन दिला दिया है कि रोहित शेखर तिवारी का कातिल घर के बाहर नहीं बल्कि घर के ही अंदर है।
शक के दायरे में सबसे पहले रोहित शेखर की अपनी पत्नी अपूर्वा ही थी। वही अपूर्वा है जिसकी शादी साल भर पहले ही रोहित से हुई और जो पेशे से वकील है। ये वही अपूर्वा है, जो बकौल पुलिस रोहित के कमरे में उस रात जाने वाली आखिरी शख्स थी।
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वही दूसरा शक रोहित का भाई सिद्धार्थ था। सिद्धार्थ इसलिए क्योंकि पुलिस को लग रहा था कि करोड़ों की संपत्ति को लेकर भाई-भाई को रास्ते से हटा सकता है। घर में उस रात ड्राइवर समेत चार नौकर भी थे। अब चूंकि बाहर से कोई घर के अंदर नहीं आया तो इन चारों की भूमिका भी शक से परे नहीं थी। सीधे नहीं तो कत्ल में इनकी मदद की भूमिका से भी इंकार नहीं किया जा सकता था।