मल्लिका दूबे
गोरखपुर। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अपने गढ़ में अपनी ही सेना की कार्यप्रणाली को लेकर टेंशन में आ गये हैं। उनकी यह सेना है हिन्दू युवा वाहिनी जो उनकी तमाम हिदायतों के बाद उस स्तर पर सक्रिय नहीं दिख रही है जैसे योगी के चुनाव लड़ने के दौरान दिखती थी।
योगी के लिए गोरखपुर का संसदीय चुनाव उनकी प्रतिष्ठा का विषय बन चुका है और अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए वह बार-बार हिन्दू युवा वाहिनी को उनके चुनाव की तरह ही मेहनत करने का निर्देश दे रहे हैं।
तो क्या खानापूर्ति कर रही योगी सेना
बुधवार को गोरखपुर में एक बूथ स्तरीय सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से अपनी सेना यानी हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों को हिदायत दी उससे यह सवाल उठना लाजिमी सा दिखा कि क्या योगी की सेना इस चुनाव में उनके लगातार दिशानिर्देश को दरकिनार कर खानापूर्ति कर रही है?
सम्मेलन में भाजपा के साथ ही योगी ने हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं से टो टूक कहा कि खानापूर्ति बंद करके बूथों पर सक्रियता बढ़ाएं। घर-घर जाएं। बैठक में कुछ कार्यकर्ताओं की गैर मौजूदगी पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए एक बार फिर दोहराया कि आप लोग कागजी खानापूर्ति बंद कर दें।
इस बार शहरी क्षेत्र पर अधिक दिख रहा योगी का फोकस
लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी,भोजपुरी फिल्म स्टार रवि किशन शुक्ला की जीत से अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए दिनरात एक किए हुए योगी आदित्यनाथ का फोकस इस चुनाव में शहरी क्षेत्र पर अधिक है।
ग्रामीण इलाके में जातियों के गणित से पार पाना आसान नहीं है। माना जाता है कि शहरी क्षेत्र, खासकर गोरखपुर शहर के वोटर बीजेपी के पक्ष में अधिक रहते हैं। लेकिन, शहर में वोटिंग परसेंटेज बहुत खराब रहता है। पढ़े-लिखे माने जाने वाले शहरी तबके के अधिकांश लोग वोट डालने ही नहीं पहुंचते हैं।
योगी की रणनीति यह है कि इस चुनाव में अगर शहर क्षेत्र से पोलिंग परसेंटेज बढ़ा लिया जाए तो इसका लाभ बीजेपी को मिल सकता है। वह लगातार कार्यकर्ताओं को शहरी क्षेत्र का वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने का निर्देश देते हुए यह समझा रहे हैं कि यदि यहां पोलिंग बढ़ गयी तो बीजेपी की लाख मतों की लीड यहीं हो जाएगी। शहरी क्षेत्र के मतदाताओं को रिझाने के लिए ही तीन दिन पहले यहां बुद्धिजीवी सम्मेलन भी किया गया।
चुनावी मार्केटिंग का फंडा भी समझा रहे योगी
गोरखपुर में अपना गढ़ बचाने के लिए योगी की जोर आजमाइश संसदीय क्षेत्र में चर्चा में है। लोग यह कहते सुने जा रहे हैं कि इतनी मेहनत तो योगी ने कभी अपने संसदीय चुनाव में नहीं की होगी। संसदीय क्षेत्र को लगातार मथ रहे योगी कार्यकर्ताओं को चुनावी मार्केटिंग का फंडा भी समझा रहे हैं।
इस सिलसिले में उन्होंने भाजपा और हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं को समझाया कि गोरखपुर में हुए कार्यों की सेल्फी सोशल मीडिया पर यह लिखकर वायरल करें कि मुस्कुराइए, आप गोरखपुर में हैं।