जुबिली स्पेशल डेस्क
कोरोना महामारी के बीच इस समय दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स के केस सामने आ रहे हैं। इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि क्या अब मंकीपॉक्स वैश्विक महामारी का रूप लेगा।
लोगों की इस आशंकाओं को देखते हुए अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बड़ी जानकारी साझा की है। ब्ल्यूएचओ ने कहा था कि उसे अभी इस बात की चिंता नहीं है कि अफ्रीकी देशों से परे मंकीपॉक्स एक वैश्विक महामारी को जन्म दे सकता है लेकिन बाद में इसका कहर लगातार बढ़ रहा है और हल में ही मंकीपॉक्स को डब्लूएचओ ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने पर मजबूर होना पड़ा।
डब्ल्यूएचओ (WHO) के तकनीकी प्रमुख रोसमंड लुईस (Rosamund Lewis ) ने मंकीपॉक्स की वैक्सीन (Monkeypox Vaccine) को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उनके अनुसार मंकीपॉक्स की वैक्सीन 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं हैं।
ऐसे में अब लोगों को संक्रमण के अपने जोखिम को कम करना चाहिए। बता दे कि 92 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स के 35,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। लुईस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ मंकीपॉक्स की रोकथाम के लिए इन टीकों के “100 प्रतिशत प्रभावशाली होने की उम्मीद नहीं कर रहा है।
उधर भारत में इसके मामले देखने को मिल रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का एक और मामला सामने आया है । इसके बाद यहां पर कुल मामलों की संख्या चार हो गई है। ऐसे में दिल्ली भी एलर्ट हो गई है।
इसके पहले, मंगलवार को एक 35 वर्षीय विदेशी नागरिक, जिसकी यात्रा का कोई हालिया इतिहास नहीं है, उसकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी। इस शख्स को एलएनजेपी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। इस बीच, दिल्ली में मंकीपॉक्स के पहले मरीज को सोमवार को एलएनजेपी अस्पताल से छुट्टी दी गई थी।
बताया जा रहा है कि नाइजीरिया की 31 वर्षीय महिला में मंकीपॉक्स के संक्रमण की पुष्टि हुई थी, इस तरह से मंकीपॉक्स के कुल मामलों की संख्या बढक़र 9 जा पहुंची है। देश में मंकीपॉक्स के आए सभी मामले केरल और दिल्ली में सामने आए हैं। यह खतरनाक बीमारी अब तक दुनिया के 70 से अधिक देशों में फैल चुकी है।
मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के कुछ हिस्सों में महामारी का रूप ले चुके मंकीपॉक्स के मनुष्यों में मिलने वाले लक्षणों में आघात, बुखार, मांसपेशियों में दर्द और ठंड लगना शामिल है। आमतौर पर यह बीमारी जानलेवा नहीं होती लेकिन दुर्लभ मामलों में जानलेवा भी हो सकती है।