Wednesday - 30 October 2024 - 11:51 AM

हांगकांग के मीडिया टाइकून को पुलिस ने क्यों गिरफ्तार किया ?

जुबिली न्यूज डेस्क

दुनिया भर से ऐसी खबरें आ रही है कि मीडिया को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकारों को मीडिया की स्वतंत्रता रास नहीं आ रही है। भारत की सत्ता में मोदी सरकार के आने के बाद से यहां भी ऐसी बहस तेज हो गई है। ऐसा ही कुछ हांगकांग में हुआ है।

सोमवार को मीडिया को प्रतिबंधित करने की ऐसी ही कोशिश हांगकांग में हुई है। वहां चीन द्वारा लागू किए गए नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत सोमवार को लोकत्रंत्र के हिमायती मीडिया टाइकून जिम्मी लाई के अखबार के दफ्तरों पर पुलिस ने छापे मारे और लाई समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

ये भी पढ़े : गहलोत हैं कांग्रेस के असली चाणक्य

ये भी पढ़े : सऊदी अरब की शान को कैसे लगा झटका?

ये भी पढ़े :  रिया चक्रवर्ती के हिडेन डेटा से खुलेंगे सुशांत केस के अहम राज

हांगकांग पुलिस की कार्यवाही लाई के ‘नेक्स्ट मीडिया’ पब्लिशिंग समूह पर केंद्रित थी। हांगकांग में नए कानून के लागू होने के बाद आवाज उठाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की यह अगली कड़ी थी।

मीडिया टायकून लाई के करीबी मार्क साइमन के मुताबिक, “पुलिस ने उन्हें उनके घर से लगभग सुबह सात बजे के आस-पास गिरफ्तार किया। वहीं पुलिस ने अपने एक बयान में कहा कि सात लोगों को विदेशी ताकतों के साथ सांठ-गांठ करने संदेह में हिरासत में लिया गया।  पुलिस की यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत अपराधों में से एक है। गिरफ्तार किए गये इन सातों पर धोखाधड़ी के भी आरोप लगाए गए हैं।

वहीं लाई के ‘डेली ऐप्पल’ अखबार में काम करने वाले पत्रकारों ने पुलिस की छापेमारी की नाटकीय तस्वीरें फेसबुक पर लगाईं। एक वीडियो में अखबार के मुख्य संपादक लॉ वाई-क्वॉन्ग को पुलिस अफसरों से वारंट मांगते हुए देखा जा सकता है। लॉ पुलिस से कह रहे हैं, “अपने सहकर्मियों से कहो कि जब तक हमारे वकील वारंट को ठीक से देख नहीं लेते तब तक वो किसी चीज को हाथ ना लगाएं।”

वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस ने ऐप्पल के कर्मचारियों को अपनी सीटें छोड़कर एक कतार में खड़े हो जाने के लिए कहा ताकि पुलिस उनकी पहचान कर सके। दूसरी तरफ पूरे न्यूजरूम में पुलिस ने तलाशी ली।

कुछ देर बाद 72 वर्षीय लाई भी हथकडिय़ों में और पुलिस अफसरों से घिरे हुए नजर आए। एक बयान में पुलिस ने कहा कि तलाशी एक अदालती वारंट के तहत ली गई थी जिसे कर्मचारियों को दिखाया भी गया था।

ये भी पढ़े:  IPL की टाइटल स्पॉन्सरशिप की दौड़ में शामिल हुई पंतजलि

ये भी पढ़े: कोरोना इफेक्ट : चार माह में ही खर्च हो गया साल भर का 45 फीसदी बजट

ये भी पढ़े: तो क्या तिब्बत में चीन भारत के लिए बना रहा है वाटर बम?

1 जुलाई को हांगकांग में नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून खिलाफ के खिलाफ प्रदर्शन.

मालूम हो कि ‘ऐप्पल डेली’ और ‘नेक्स्ट मैगजीन’ मुखर रूप से लोकतंत्र के समर्थक और बीजिंग के आलोचक हैं।

मीडिया टाइकून जिम्मी लाइ शहर के कई नागरिकों के लिए हीरो हैं। लाइ निर्भीक है और उन्होंने अपना व्यापार खुद खड़ा किया है। वो बीजिंग की आलोचना करने वाले एकमात्र टाइकून हैं।

जहां लाई नागरिकों की नजर में हीरो हैं तो वहीं चीन का सरकारी मीडिया उन्हें “गद्दार” कहता है। सरकारी मीडिया के मुताबिक वह विदेशी ताकतों के साथ मिलकर देश को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर रहे हैं।

पिछले साल जब लाई अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पेयो और उप राष्ट्रपति माइक पेंस से मिले तो सरकारी मीडिया ने उनके खिलाफ अभियान और तेज कर दिया।

हांगकांग में नये कानून लागू होने से पहले जून में लाई ने कहा था कि “मैं जेल के लिए तैयार हूं। अगर मुझे जेल हुई तो मुझे वो किताबें पढऩे का मौका मिलेगा जो मैंने नहीं पढ़ी हैं। मैं बस सकारात्मक ही तो रह सकता हूं।”

लाई ने अपने ऊपर लगे उन सभी आरोपों को नकार दिया था जो सरकारी मीडिया उन पर लगाता आ रहा है। उन्होंने कहा था कि हांगकांग के लोगों को विदेशी राजनीतिज्ञों से मिलने का अधिकार है।

कौन हैं जिम्मी लाई ?

जिम्मी लाई की कहानी भी रोचक है। उनकी कहानी भी गरीबी से अमीरी की है। मात्र 12 साल की उम्र में वह कम्युनिस्ट चीन से भागकर हांगकांग आए थे, जहां उन्होंने ने फैक्ट्रियों में मेहनत की। खुद अंग्रेजी सीखी और धीरे धीरे गिओर्दानो नामक एक कपड़ों के एक सफल साम्राज्य की स्थापना की।

1989 में बीजिंग में तियाननमेन चौराहे पर हुई घटना ने उन्हें राजनीतिक बना दिया और वो चीन की आलोचना करने वाले हांगकांग के चंद बड़े उद्योगपतियों में शामिल हो गए।

जब अधिकारियों ने मुख्य भू-भाग में उनके कपड़ा साम्राज्य को बंद करना शुरू कर दिया तो उन्होंने उसे बेच दिया और उग्र टैब्लॉयड छापने शुरू कर दिए। नए सुरक्षा कानून को उन्होंंने “हांगकांग के लिए मौत की घंटी” बताया था और कहा था कि उन्हें डर है कि अधिकारी उनके पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com