न्यूज डेस्क
बीते कुछ दिनों से वोडाफोन अपने बयानों की वजह से चर्चा में है। वोडाफोन असमंजस में हैं। कभी भारत में निवेश को लेकर असमर्थता जाहिर करती है तो दूसरे ही दिन अपने ही बयान पर यूटर्न लेते हुए सरकार को पत्र लिखकर कहती है कि भारत में कंपनी निवेश करती रहेगी। आज वोडाफोन-आइडिया ने एक और संकेत दिया जिसकी वजह से एक बार फिर भारत में वोडाफोन के भविष्य को लेकर असमंज की स्थिति बन गई है।
वोडाफोन-आइडिया ने 16 नवंबर को अपने कर्जदाताओं को संकेत दिया कि वो कर्ज चुकाने से चूक सकती है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर दिए गए आदेश के बाद से कंपनियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
इसकी वजह से एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया को दूसरी तिमाही में को कॉर्पोरेट इतिहास में अभी तक का सबसे बड़ा तिमाही घाटा हुआ है। इन तीनों कंपनियों को कुल 74,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।
गौरतलब है कि इसी सप्ताह आदित्य बिड़ला समूह ने कहा था कि अगर सरकार समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) को लेकर 39,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी पर बड़ी राहत नहीं देती, तो वह कंपनी में और निवेश नहीं करेगा। ऐसे में वोडाफोन आइडिया दिवालिया हो जाएगी।
वोडाफोन-आइडिया बेचेगी अपनी संपत्तियां
वोडाफोन ने कहा है कि वो अपनी संपत्तियों को बेचेगी, ताकि देनदारी को पूरा किया जा सके। कंपनी के प्रबंध निदेशक रविंद्र ठक्कर ने कहा है कि वो ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क और डाटा सेंटर को बेचने जा रही है। कंपनी इससे पहले इस हफ्ते बैंकों से कह दिया है कि वो लोन की किश्त को अदा करने में असमर्थ हैं।
वोडाफोन-आइडिया पर 17,100 करोड़ रुपये की देनदारी
31 मार्च 2019 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में वोडाफोन-आइडिया पर कुल 17,100 करोड़ रुपये की देनदारी थी। इसका उल्लेख कंपनी ने अपनी बैलेंस शीट में भी कर रखा है। कंपनी ने देनदारी चुकाने के लिए तब 4300 करोड़ रुपये का मद रखा था। कंपनी की सकल देनदारी कुल 1.22 लाख करोड़ रुपये थी, जिसमें से 90,700 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम देनदारी और 31 हजार करोड़ रुपये गैर स्पेक्ट्रम देनदारी है।
बैंकों ने इतना दिया है कंपनी को लोन
भारतीय स्टेट बैंक ने वोडाफोन-आइडिया को 11200 करोड़ रुपये का लोन दे रखा है। वहीं इंडसइंड बैंक ने तीन हजार करोड़ रुपये, आईसीआईसीआई बैंक ने 1700 करोड़ रुपये और एचडीएफसी बैंक ने 500 करोड़ रुपये कंपनी को दे रखे हैं। इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा ने कंपनी को लोन दिया हुआ है।
टेलीकॉम सेक्टर में मौजूद कंपनियों को सबसे ज्यादा लोन एसबीआई से मिला हुआ है। 11 बैंकों ने टेलीकॉम कंपनियों को कुल 1.5 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया है। स्टेट बैंक ने 37,330 करोड़ रुपये दे रखे हैं। वहीं एचडीएफसी बैंक ने 24,515 करोड़ रुपये, एक्सिस बैंक ने 17,135 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक ने 15,346 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 11,471 करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक ने 7,318 करोड़ रुपये, आईडीबीआई बैंक ने 6,172 करोड़ रुपये, केनरा बैंक ने 6,080 करोड़ रुपये, यस बैंक ने 5,908 करोड़ रुपये, कोटक महिंद्रा बैंक ने 4,676 करोड़ रुपये और इंडसइंड बैंक ने 2,484 करोड़ रुपये का लोन देश भर में मौजूद सभी चल रहीं टेलीकॉम कंपनियों दे रखा है।