जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में तीन पीढ़ियों से रह रहे 30 हज़ार सिख किसानों के विस्थापन की खबरों पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गहरी चिंता व्यक्त की है. इस मुद्दे पर वह जल्दी ही केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करेंगे.
कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि देश का संविधान सभी भारतीयों को यह अधिकार देता है कि वह देश के किसी भी हिस्से में रहें. किसी भी भारतीय को भारत के किसी भी क्षेत्र में रहने से रोका नहीं जा सकता, ऐसे में यह प्रश्न स्वाभाविक है उत्तर प्रदेश के रामपुर, लखीमपुर और बिजनौर में दशकों से रह रहे 30 हज़ार से ज्यादा सिख किसानों को किन हालात में राज्य से विस्थापित होना पड़ा.
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कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि आज़ादी के बाद 1947 में बड़ी संख्या में सिख परिवार उत्तर प्रदेश के रामपुर, लखीमपुर और बिजनौर में आकर इन जिलों के 17 गावों में बस गए थे. इन परिवारों ने हाड़तोड़ परिश्रम कर यहाँ की ज़मीनों को उपजाऊ बनाया. इनकी मेहनत से फसलें लहलहाने लगीं. 1980 में सरकार ने इन्हें ज़मीनों का मालिकाना हक़ दे दिया. यह किसान परिवार तीन पीढ़ियों से यहाँ रह रहे थे.
पंजाब के मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्हें मीडिया के ज़रिये खबर मिली है कि उत्तर प्रदेश से 30 हज़ार सिख किसानों का विस्थापन हुआ है. अगर यह सही हैं तो यह चिंताजनक बात है. यह भारत के संघीय ढाँचे के खिलाफ बात है. उन्होंने कहा कि वह गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इसकी वजह पूछेंगे.