जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। श्रवण साहू हत्याकांड मामले में वांछित आरोपी बर्खास्त दो सिपाहियों ने बुरका पहनकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया। बर्खास्त पुलिस कर्मी अनिल सिंह और धीरेंद्र सिंह ने फिल्मी अंदाज में कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इन दोनों ने श्रवण साहू हत्या में बेगुनाहों को टार्चर कर श्रवण को फर्जी मामले में फंसाने की साजिश रची थी।
तीन साल से फरारी काट रहे सिपाही धीरेंद्र यादव और अनिल सिंह ने पुलिस से बचने के लिए यह तरीका अपनाया। एसएसपी की सख्ती पर पूर्व में बर्खास्त दरोगा धीरेंद्र शुक्ला की गिरफ्तारी हो चुकी है। एसएसपी के निर्देश पर तीनों बर्खास्त पुलिसकर्मियों पर 15 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया गया था।
बेगुनाहों को फंसाने की साजिश में कुर्की के आदेश
सआदतगंज के तेल व्यवसायी श्रवण साहू को फर्जी मुकदमे में फंसाने की साजिश में चार बेगुनाहों को शूटर बताकर जेल भेजने में बर्खास्त आरक्षी अनिल सिंह और धीरेंद्र यादव के साथ आरक्षी लवकुश मिश्रा की कुर्की के आदेश जारी हो गए हैं। इस मामले में फरार इनामी दरोगा धीरेंद्र शुक्ला को अलीगंज थाना परिसर स्थित आवास से गिरफ्तार कराने के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने विवेचक को सख्त हिदायत देते हुए जवाबतलब किया था।
अपर पुलिस अधीक्षक विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि सआदतगंज के यासीनगंज निवासी कुर्बान खां और न्यू गुलाबनगर हसियामऊ निवासी तमीम की तहरीर पर 19 जनवरी 2017 को ठाकुरगंज थाने में दर्ज मुकदमे की तफ्तीश कर रहे क्षेत्राधिकारी चौक दुर्गा प्रसाद तिवारी की अर्जी पर न्यायालय ने फरार आरक्षी लवकुश मिश्रा, बर्खास्त इनामी सिपाही अनिल सिंह व धीरेंद्र यादव की कुर्की के आदेश जारी किए हैं।
तीनों की तलाश में पुलिस टीम ने उनके संभावित स्थानों पर दबिशें दी हैं। करीबी लोगों पर दबाव बनाकर सुराग लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रकरण का मास्टर माइंड अकील अंसारी और उसके कुछ साथी पहले से ही जेल में बंद हैं।
श्रवण साहू कांड में दो साल से फरार इनामी दरोगा धीरेंद्र शुक्ला को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने मंगलवार को पुलिस आवास से गिरफ्तार कराया था। इनामी धीरेंद्र शुक्ला के अलीगंज थाना परिसर स्थित सरकारी आवास में परिवार समेत रहने का खुलासा होने पर कलानिधि नैथानी ने विवेचक के साथ पुलिस टीम की जमकर क्लास ली।
क्षेत्राधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के क्या प्रयास किए गए? फरार बर्खास्त दरोगा और दोनों सिपाहियों के बेखौफ घूमने की जानकारी पर कलानिधि नैथानी ने सख्त हिदायत देते हुए आरोपियों को जल्द पकड़ने के आदेश दिए थे। फरार आरोपियों का सुराग लगाने में नाकाम रहे क्षेत्राधिकारी ने न्यायालय में कुर्की की अर्जी दी थी।
उजागर हुई थी तलाश में लापरवाही
श्रवण साहू कांड में फरार बर्खास्त पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी न होने से महकमे की फजीहत होते देख कलानिधि नैथानी ने तीनों पर 15 -15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया। छानबीन में विवेचक और उनकी टीम की लापरवाही उजागर हुई। फरार इनामी दरोगा बर्खास्तगी के बाद दो साल तक सरकारी आवास में रहता रहा। फरार बर्खास्त सिपाही अनिल सिंह व धीरेंद्र यादव व्यवसायिक गतिविधियों में सक्रिय थे और विवेचक उनकी सरगर्मी से तलाश का दावा कर रहे थे।