न्यूज डेस्क
मां…यह शब्द जितना छोटा है अर्थ उतना ही बड़ा। इस शब्द की व्याख्या करने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। रिश्तों में पहले पायदान पर मां आती है जिसमें प्यार, दुलार, समर्पण, बलिदान समाहित होता है। मां अपने बच्चे के लिए कुछ भी कर सकती है। ऐसा हम सुनते आए हैं। लेकिन क्या आपने ऐसा सुना है कि बच्चा अपनी मां की प्रताड़ना से आजिज आकर इच्छामृत्यु की मांग कर सकता है।
जी हां, ऐसा एक मामला बिहार से सामने आया है। बिहार के भागलपुर जिला निवासी एक 15 वर्षीय लड़के ने पारिवारिक कलह से तंग आकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इच्छामृत्यु की मांग की है।
इस मामले में अब प्रधानमंत्री कार्यालय ने जिला प्रशासन को इस मामले की जांच करने के लिए कहा है।
क्या है पूरा मामला
भागलपुर जिले के महिषामुंडा गांव निवासी मनोज कुमार मित्रा के बेटे कृष कुमार मित्रा ने करीब दो महीने पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिखा था। पत्र में कृष ने अपने लिए इच्छामृत्यु का अनुरोध किया था। उसने राष्ट्रपति को भेजे पत्र की कॉपी पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत आला अधिकारियों को भी भेजी थी।
क्या लिखा था पत्र में
कृष ने पत्र में लिखा था कि मां की प्रताड़ना और उनके द्वारा मुकदमेबाजी किए जाने और आसामाजिक तत्वों द्वारा बार-बार धमकी दिए जाने से वह परेशान है। ऐसे में उसमेंं जीवित रहने की इच्छा नहीं रह गई है।
कृष नवीं कक्षा का छात्र है। उसके पिता कैंसर पीड़ित हैं और वह वह ग्रामीण विकास विभाग देवघर में जिला प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। उसकी मां सुजाता इंडियन ओवरसीज बैंक पटना में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं।
कृष के परिजनों का कहना है कि कृष की परेशानी की वजह उसके मां-बाप के बीच विवाद है। लंबे समय से मनोज और उनकी पत्नी के बीच विवाद चल रहा है और दोनों अलग-अलग रह रहे हैं।
कृष के दादा संजय कुमार मित्रा के साथ-साथ उसके चाचा और दूसरे परिजनों ने भी सुजाता के बर्ताव को पूरी तरह अनुचित ठहराया है।