शबाहत हुसैन विजेता
एक्टर सुशांत सिंह राजपूत आज मुम्बई स्थित अपने फ़्लैट में फांसी पर लटके हुए मिले. सुशांत सिर्फ 35 साल के थे. अपनी अभिनय प्रतिभा के दम पर वह टेलीविज़न के ज़रिये घर-घर मे अपनी पहचान रखते थे. टीवी दर्शकों ने धारावाहिक पवित्र रिश्ता में उनके किरदार को काफी पसंद किया था.
छोटे परदे पर बड़ा किरदार निभाने वाला यह कलाकार भी बड़ा था. बालीवुड उनका इंतज़ार भी कर रहा था. बड़े पर्दे पर वह क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी के रूप में आये तो छा गए. बड़े पर्दे पर सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म छिछोरे उनकी आख़री फिल्म साबित हुई. यह फिल्म 2019 में आई थी.
सुशांत सिंह राजपूत मुकेश छावड़ा की फिल्म दिल बेचारा में नई एक्ट्रेस संजना संघी के साथ नज़र आने वाले थे. यह हालीवुड फिल्म फाल्ट इन आवर स्टार्स की रीमेक के तौर पर बन रही है.
सुशांत बहुत शांत किस्म के कलाकार थे. सिर्फ 16 साल की उम्र में उन्होंने अपनी माँ को खो दिया था. माँ को वह अक्सर याद करते थे. माँ पर कविताएं भी लिखते थे. देश में लॉक डाउन लगने के बाद से सुशांत अपने घर में कैद थे. लॉक डाउन के दौर में सारा कामकाज बंद था तो सुशांत कम्प्यूटर गेमिंग सीखने में लगे थे. सोशल मीडिया पर उन्होंने अपने दोस्तों को बड़े उत्साह से हाल ही में बताया था कि मैं लॉक डाउन में भी खाली नहीं हूँ. अपना पसंदीदा काम कर रहा हूँ और कम्प्यूटर गेमिंग सीखने में लगा हूँ.
सुशांत सिंह राजपूत की अचानक सुसाइड की खबर आई तो इस मौत के पीछे घूमता रहस्यों का धुंआ भी नज़र आ रहा है. पुलिस की जांच में पता चलेगा कि इस शानदार अभिनेता की मौत की वजह वाकई सुसाइड है या फिर वजह कुछ और है क्योंकि इसी 10 जून को सुशांत की एक्स मैनेजर दिशा सलियन की मुम्बई के मलाड स्थित हाइराइज़ बिल्डिंग से संदेहास्पद स्थितियों में गिरकर मौत हुई थी. 28 वर्षीय दिशा के बारे में बताया गया कि वह दोस्तों के साथ पार्टी कर रही थीं और शराब के नशे में 14 वीं मंजिल से गिर गई थीं.
दिशा की मौत के बाद सुशांत ने इन्स्टाग्राम पर लिखा था कि एक बुरी खबर है. दिशा के परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदना, तुम्हारी आत्मा को शान्ति मिले. सुशांत अपनी दोस्त और एक्स मैनेजर दिशा की मौत से बेहद दुखी थे.
सुशांत सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते थे. उनके फालोवर लाखों में हैं. सोशल मीडिया पर वह अपनी लिखी कविताएं भी अक्सर शेयर करते थे. सुशांत ने अपनी माँ को याद करते हुए हाल ही में बहुत भावुक कविता लिखी थी. भावुक सुशांत ने अपनी पीठ पर एक टैटू भी बनवाया था जिसमें जीवन के पांच तत्वों पर बात की गई थी.
बहरहाल सुशांत सिंह राजपूत नहीं रहे. केदारनाथ में लोग सुशांत को पसंद करेंगे. छिछोरे में उनकी शानदार भूमिका को याद करेंगे. लोग याद करेंगे कि एक शर्मीला सा नौजवान कलाकार जब पर्दे पर एम.एस. धोनी बनता है तो कहीं से नहीं लगता कि वह एक्टिंग कर रहा है. सुशांत को सबसे ज्यादा वह करोड़ों लोग मिस करेंगे जिन्होंने उसे पवित्र रिश्ता के ज़रिये पहचाना था.
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सुशांत की पीठ पर पंचतत्वों को दर्शाने वाला टैटू बना था. बादलों के पार जा चुकी माँ को वह कविताओं से याद करते थे. दिशा की मौत से वह बेहद दुखी थे. इन सारी बातों के साथ यह स्पष्ट तौर पर लगता है कि पंचतत्वों को इतनी गहराई से महसूस करने वाला नौजवान कौन से दिल से अपने गले मे रस्सी का फंदा डालकर लटक सकता है. वजह जो भी हो सुशांत की मौत तो हो ही गई. इस मौत को स्वीकारने में वक्त ज़रूर लगेगा मगर सच भी तो यही है. शायर ने एक ज़माना पहले लिखा था, मौत उसकी है करे जिसका ज़माना अफ़सोस, यूं तो दुनिया में सभी आये हैं मरने के लिए.