जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। कोरोना महामारी ने एक तरफ लोगों को घरों में कैद रहने को मजबूर कर दिया है तो वही दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक फरमान ने सबको चौंका दिया है। इस फरमान के बाद एमबीबीएस की क्लास करने वाले छात्रों के अभिभावक परेशानी में पड़ गये हैं। इसको लेकर शासन पर सवाल उठना लाजिमी है?
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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर MBBS पाठ्यक्रम के सत्र शुरू करने के पहले सवाल उठाये है। उत्तर प्रदेश के कई मेडिकल कॉलेज ने अपने स्टूडेंट्स को क्लासेज ज्वाइन करने का आदेश जारी किया है, जिससे स्टूडेंट्स में डर का माहौल है।
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आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार पैर पसार रहा है, जिससे स्टूडेंट्स के घर वाले काफी भयभीत है और ऐसे में मेडिकल कॉलेजो ने ये फरमान जारी कर सबकी नींद उड़ा दी है। कॉलेज की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि स्टूडेंट्स की क्लास 29 जून से शुरू की जा रही है।
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23 जून को जारी इस नोटिस में ये भी बताया गया है कि सभी स्टूडेंट्स को covid-19 टेस्ट करवाना है और उन्हें अपनी रिपोर्ट साथ लेकर जाना है। यदि स्टूडेंट ऐसा नहीं करते है तो उन्हें वापस घर भेज दिया जायेगा।
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इस मामले को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की यूपी इकाई ने सीएम योगी को पत्र लिखकर इसका विरोध किया है। साथ एसोसिएशन ने ये भी कहा कि जुलाई- अगस्त में कोरोना संक्रमण के ज्यादा फैलने का खतरा है और ऐसे में पेरेंट्स अपने बच्चों को कॉलेज भेजने के लिए ज्यादा चिंतित है।
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