रश्मि शर्मा
- कल से यूपी दौरा, सोमवार से गंगा घाटों से कांग्रेस की नैय्या पार लगाएंगी
लखनऊ में शनिवार को दिन भर प्रियंका गांधी का दौरा तीसरी बार टलने की खबर तैरती रही। कयास लगते रहे कि आखिर क्यों प्रियंका की सियासी पारी का आगाज ही हिचकिचाहट और बेमन से हो रहा है। प्रियंका के इस दौरे में सबकी निगाहे उनकी प्रस्तावित गंगा यात्रा पर लगी हैं . लेकिन इलाहाबाद से वाराणसी तक जलमार्ग से होने वाली इस यात्रा पर अभी भी संदेह है .
माना जा रहा है कि अपनी गंगा यात्रा के जरिये प्रियंका नरेंद्र मोदी को घेरेंगी और मोदी के गंगापुत्र होने के नरेटिव पर प्रहार करेंगी .
दिन भर के कयास के बाद हालांकि शनिवार दोपहर बाद स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की टीम दिल्ली से लखनऊ आ पहुंची और तय हो गया कि कांग्रेस की नवनियुक्त महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी रविवार लखनऊ में होंगी।
रविवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस महासचिव जिला शहर अध्यक्षों के साथ बैठक करेंगी। प्रियंका हाल ही में नियुक्त कांग्रेस के लोकसभा क्षेत्र प्रभारियों से और नयी पुर्नगठित मीडिया टीम से भी रुबरु होंगी। कांग्रेस संगठन में औपचारिक प्रवेश के बाद प्रियंका गांधी का उत्तर प्रदेश का दूसरा दौरा होगा। इससे पहले फरवरी में प्रियंका गांधी ने राजधानी लखनऊ में रोडशो किया था और तीन दिन रुक कर पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के कांग्रेस नेताओं से मुलाकात कर हालात का जायजा लिया था।
इलाहाबाद जाना तय, जलमार्ग से बनारस यात्रा पर असमंजस
अब तक जो जानकारी सामने आयी है उसके मुताबिक प्रियंका गांधी चार दिवसीय दौरे पर उत्तर प्रदेश आ रही हैं। वह रविवार सुबह 10:30 बजे अमौसी एयरपोर्ट पहुंचेंगी। जिसके बाद अमौसी एयरपोर्ट से कांग्रेस कार्यालय के लिए रवाना होंगी। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में 2017 के विधानसभा चुनाव में लड़ने वाले विधायकों से मुलाकात करेंगी। इसके बाद 18 से 20 मार्च को इलाहाबाद से वाराणसी का सफर तय करेंगी।
हालांकि टीम प्रियंका के एक सदस्य ने बताया कि अभी तक इलाहाबाद से वाराणसी तक जलमार्ग से जाने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी है। अनुमति का इंतजार हैं पर बात न बनने पर प्रियंका गांधी सड़क मार्ग से वाराणसी जाकर काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करेंगी। वाराणसी के साथ ही सुश्री गांधी का मिर्जापुर में विंध्याचल मंदिर भी जाने का कार्यक्रम है।
दिल्ली में ही संगठन और प्रत्याशियों की थाह, टोह लेती रहीं
प्रियंका गांधी की टीम में काम कर रहे लोगों का कहना है कि तीन बार तय होने के बाद कार्यक्रम रद्द होने का पीछे का बड़ा कारण उत्तर प्रदेश में संगठन का लचर होना और हर लोकसभा में ढंग का प्रत्याशी तक न होना रहा है। प्रदेश संगठन से इतर प्रियंका गांधी ने डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोकसभा सीटों पर दूसरे दलों के जिताऊ प्रत्याशियों को बुलाकर बात की और उन्हें टिकट का भरोसा दिया। कांग्रेस में ठीक-ठाक और सीट पर मजबूती से लड़ सकने की हैसियत रखने वाले कई नेताओं से प्रियंका ने मुलाकात की और उन्हें चुनाव लड़ने को कहा।
बड़ी तादाद में टिकट तय कर यूपी पहुंची हैं प्रियंका
कांग्रेस के नेताओं के मुताबिक दिल्ली में बैठ गंभीर, जीत सकने वाले प्रत्याशियों को फाइनल करने और प्रचार अभियान की मुक्म्मल रणनीति बना चुकने के बाद अब प्रियंका ने यूपी का रुख किया है। बीते दस दिनों में प्रियंका ने दिल्ली में चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस के भीतर व बाहरी जिन नेताओं को तैयार किया है उनमें महराजगंज से सुप्रिया, गोंडा से पूर्व आईएएस राम बहादुर, मोहनलालगंज से रामशंकर भार्गव, सीतापुर से कैसर जहां, श्रावस्ती से धीरु सिंह, बिजनौर से मो. शाहिद के नाम शमिल हैं