अविनाश भदौरिया
पंजाब के गुरदासपुर जिले में एक पटाखा फैक्ट्री में धमाका होने से 21 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, इस हादसे में कई अन्य गंभीर रूप से जख्मी हैं।
गुरदासपुर के एसडीएम दीपक भाटिया ने 21 लोगों की मौत की पुष्टि की है। पटाखा फैक्ट्री की दो इमारतों में अब भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। बुधवार को शाम करीब सवा चार बजे गुरदासपुर जिले के बटाला इलाके में हुए इस धमाके की गूंज इतनी तेज थी कि आस-पास के लोग भी आवाज सुनकर दहशत में आ गए।
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें, तो बटाला-जालंधर रोड पर हंसली इलाके पर स्थित इस पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। आसपास की कई बिल्डिंग भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। घटनास्थल से करीब 500 मीटर दूर स्थित मॉल के तीन फ्लोर के शीशे टूट गए। वहीं, एक अन्य शोरूम भी क्षतिग्रस्त हुआ है।
यह कोई पहला मौका नहीं है जब इस तरह की घटना में लोगों ने अपनी जान गंवाई हो बल्कि इस तरह की घटनाएं बड़ी आम हैं। देशभर में अगर औसत निकाला जाए तो लगभग हर तीन महीने में इस तरह की कोई घटना घटित होती है। वहीं छोटी-छोटी घटनाएं जिनमें दो-चार लोगों की मौत होती है उनकी पुनरावृत्ति तो हर महीने होती रहती है।
इस तरह की घटनाओं के बाद अक्सर जांच में आता है कि या तो फैक्ट्री अवैध तरीके से चलाई जा रही थी या फिर नियमों के अनुरूप जरुरी इंतजाम नहीं किए जाते। सवाल यह उठता है कि इस तरह की होने वाली मौतों पर कोई सरकार या प्रशासन गंभीर क्यों नहीं है। अगर इस तरह की घटनाओं में होने वाली मौतों के आकड़ों पर गौर किया जाए तो तक़रीबन एक साल में 100 से अधिक लोग अपनी जिन्दगी गंवा देते हैं।
कुछ बड़ी घटनाएं
- सितम्बर 2012 में शिवकाशी अग्निकांड में 39 लोगों की मौत हुई, इस भयानक अग्निकांड में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया।
- जून 2017 में मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के भाटन गांव में एक पटाखा फैक्टरी में भीषण आग लग जाने के कारण 23 कामगारों की मौत हो गई थी।
- जनवरी 2018 में दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र में एक पटाखा स्टोरेज यूनिट में भीषण आग लगने से 17 लोगों की मौत हुई।
- पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर में एक अवैध पटाखा फैक्टरी की इकाई में हुए धमाके में 11 लोगों की मौत हुई।
- अक्टूबर 2017 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक घर में हुए धमाके में 2 लोगों की मौत हो गई और 3 अन्य जख्मी हो गए। इस धमाके में पूरा मकान जमींदोज हो गया था।
- अक्टूबर 2016 में वाराणसी में अवैध रूप से चल रही पटाखा फैक्टरी में धमाका हो गया। इसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए।
यह तो कुछ घटनाएं हैं हकीकत इससे भी कहीं अधिक भयावह है लेकिन न जानें क्यों हुक्मरानों को इन मौतों पर तरस नहीं आता। जो लोग दीवाली और खुशियों में हमारे-आपके घरों को रोशन करते हैं, उनके परिवार इन मौत की फैक्ट्री में जलकर राख हो जाते हैं फिर भी किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता।
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