जुबिली स्पेशल डेस्क
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले के सामने आने के बाद बंगाल की राजनीति में घमासान मच गया है। विपक्ष के निशाने पर खुद ममता बनर्जी आ गई है। इस मामले में ममता सरकार के कैबिनेट में शामिल पार्थ चटर्जी का नाम सामने आया है।
इतना ही नहीं उनको गिरफ्तार कर लिया गया है। उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से लगातार कै्रश मिल रहा है। कल रात अर्पिता मुखर्जी के दूसरे फ्लैट से भी खूब सारा कैश और सोना मिला है।
बुधवार की दोपहर उनके दूसरे घर पर ईडी की टीम पहुंची। यहां पर भी नोटों का बड़ा अंबार मिलने की खबर है।एक बार फिर उनके घर पर बड़ी संख्या में पैसे मिले हैं।
बेलघरिया स्थित एक और फ्लैट से ईडी को करीब 29 करोड़ कैश (28.90 करोड़ रुपए) और 5 किलो सोना मिला। उधर ममता बनर्जी के कैबिनेट में शामिल पार्थ चटर्जी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है तो दूसरी ओर उनकी वजह से सरकार पर सवाल उठ रहा है लेकिन फिलहाल ममता सरकार पार्थ चटर्जी को लेकर किसी भी जल्दीबाजी में नहीं है।
विपक्ष लगातार पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग कर रहा है लेकिन फिलहाल ममता सरकार उनको हटाने के मुड में नहीं है। मामले में टीएमसी नेताओं ने बताया है कि क्यों नहीं उनको अब तक हटाया गया है।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने मानना है कि पार्थ चटर्जी को कैबिनेट मंत्री के रूप में बने रहने की अनुमति देकर कोई गलत काम नहीं किया है। देश के जाने माने अखबार की माने तो तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि पार्थ चटर्जी केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले पहले टीएमसी नेता नहीं हैं।
इससे पहले नारद मामले में भी सीबीआई ने मुख्यमंत्री के करीबी फिरहाद हकीम समेत अहम पोर्टफोलियो धारकों को गिरफ्तार किया था। हालांकि तृणमूल कांग्रेस अपने मंत्री के बचाव में खड़ी है लेकिन ये देखना होगा कि आने वाले समय में देखना होगा कि इस मामले में क्या होगा। जांच में तेजी आई है और ये भी देखना होगा कि पार्थ चटर्जी के पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले में क्या भूमिका थी या कोई भी भूमिका नहीं थी। ये सब तब तो जांच के बाद ही पता चलेगा।