जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शनिवार- रविवार को शुरू हुए लॉकडाउन से शराब कारोबारी परेशान हो उठे है। बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से उपजे हालात में आधी रह गई बिक्री और उस पर हफ्ते में सिर्फ पांच दिन दुकान खोलने की इजाजत सीमित समय के लिए। ऐसे में परेशानी तो बनती है।
उत्तर प्रदेश में शुरू हुए नए लाकडाउन से कारोबार पर पड़े असर को लेकर चिन्तित शराब व बीयर फुटकर कारोबारी बुधवार को आबकारी आयुक्त पी. गुरुप्रसाद व लखनऊ के डीएम से मिले।
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शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन के महामंत्री कन्हैया लाल मौर्य की माने तो चालू वित्तीय वर्ष के लिए आबकारी महकमे ने पूरे साल भर का अनुबंध किया। इसके मुताबिक साल भर की लाइसेंस फीस भी वसूली। यही नहीं हर महीने शराब व बीयर बेचने का न्यूनतम कोटा भी तय कर दिया। इससे आबकारी विभाग के राजस्व पर तो कोई असर नहीं पड़ रहा।
आयुक्त को दिए ज्ञापन में कहा कि शराब व बीयर की दुकानें खोलने और बंद होने की नई समय सारिणी लागू की गई है। इसमें दुकानों से बिक्री का समय कम कर दिया गया है। लॉकडाउन की वजह से शनिवार व रविवार को दुकानें बंद रखने का भी आदेश दिया गया है।
शराब व बीयर की हर दुकान का तय मासिक कोटा उठाने की भी बाध्यता है। इन सारी वजहों का कारोबार पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। एसोसिएशन ने मांग की है कि इन हालात को देखते हुए कोटा उठाने में छूट और बंदी के दरम्यान की लाइसेंस फीस वापस करने पर विचार किया जाए। एसोसिएशन के मुताबिक मध्य प्रदेश की सरकार कारोबारियों को ऐसी रियायतें दे चुकी है।
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