Tuesday - 29 October 2024 - 4:01 AM

सड़क पर क्यों उतरे जेएनयू छात्र

न्यूज डेस्क

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र सड़क पर उतर गए है। कई दिनों से फीस में इजाफे समेत कई मुद्दों पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों का गुस्सा तब और बढ़ गया जब उन्हें मालूम हुआ कि दीक्षांत समारोह जेएनयू परिसर से बाहर होगा। फिलहाल छात्र फीस में इजाफे और दीक्षांत समारोह के विरोध में यूनिवर्सिटी से लेकर वसंत कुंज स्थित कार्यक्रम स्थल तक मार्च निकाल रहे हैं।

जेएनयू के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू पहुंचे हैं। उनके साथ मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद हैं।

छात्र आज सुबह 8 बजे ही यूनिवर्सिटी की एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग पर जमा हुए और वहां से कार्यक्रम स्थल तक मार्च शुरू किया। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा बेहद कड़ी कर रखी है।

मालूम हो कि इस आंदोलन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, आईसा, एआईएसएफ और एसएफआई सभी छात्र संगठन हिस्सा ले रहे हैं।

प्रदर्शनकारी छात्र नेताओं का कहना है कि वह दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम स्थल के पास ही प्रदर्शन करेंगे। वहीं एक आंदोनकारी छात्र ने कहा, ‘बीते 15 दिनों से हम फीस में इजाफे का विरोध कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी में कम से कम 40 फीसदी छात्र ऐसे हैं, जो गरीब परिवारों से आते हैं। आखिर ये छात्र कैसे अपनी पढ़ाई जारी रख पाएंगे?’

छात्रों का कहना है कि उन्हें बिना सस्ती एजुकेशन के दीक्षांत समारोह मंजूर नहीं है। हॉस्टल फीस बढ़ोतरी का मामला यूनिवर्सिटी में काफी आगे जा चुका है और अब तक कोई हल नहीं निकला है।

जेएनयू परिसर से बाहर हो रहा दीक्षांत समारोह

गौरतलब है कि इस बार कैंपस के ऑडिटोरियम में जगह की कमी बताते हुए जेएनयू प्रशासन ने दीक्षांत समारोह यूनिवर्सिटी से बाहर वसंत कुंज में ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ऑडिटोरियम में रखा गया। जेएनयू के गोल्डन जुबली साल के इस दीक्षांत समारोह में करीब 460 स्टूडेंट्स को पीएचडी डिग्री दी जाएगी।

जेएनयू के रेक्टर 2 डॉ एस सी गड़कोटी का कहना है कि जेएनयू के किसी भी ऑडिटोरियम में 300 से ज्यादा सीटें नहीं हैं। इस वजह से इस बार दीक्षांत समारोह बाहर रखना पड़ रहा है, क्योंकि स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा है। उनके साथ उनके पैरंट्स भी पहुंचेंगे। साथ ही स्टूडेंट्स के गाइड, जेएनयू टीचर्स भी होंगे। जहां समारोह रखा गया है, वहां करीब 800 सीटें हैं।

यह भी पढ़ें : साल 2016 में हर दिन 31 किसानों ने की आत्महत्या

यह भी पढ़ें :  आखिर टीएन शेषन से क्यों डरते थे नेता

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com