न्यूज डेस्क
ग्रीस और तुर्की सीमा पर तनाव का माहौल है। यह तनाव शरणार्थियों को लेकर है। ग्रीक सरकार ने जो वीडियो मुहैया कराया है उसमें तुर्की की ओर से ग्रीक पुलिस पर आंसू गैस के गोले दागते दिख रहा है।
ग्रीस सरकार ने पूर्वोत्तर के शहर कोस्तानिस में सीमा पर दो दिनों से लगातार चल रहे टकराव को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।
सीरिया के इदलीब शहर में बिगड़ते हालात के बीच तुर्की ने 26 फरवरी को कहा था कि वह शरणार्थियों को यूरोप जाने की इजाजत दे देगा, सीरिया में हवाई हमले में तुर्की के 33 सैनिकों के मारे जाने के बाद से तुर्की ने शरणार्थियों को लेकर अपना रवैया बदल दिया है। इसका मकसद सीरिया के गृहयुद्ध में यूरोपीय संघ पर मदद के लिए दबाव डालना है।
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सीमा की ओर जा रहे हैं शरणार्थी
तुर्की ने अपने यहां रह रहे सीरियाई शरणार्थियों के लिए यूरोप में दाखिल होने के ‘द्वार खोल दिए हैं।’ इस कारण तुर्की के पड़ोसी देश और यूरोपीय संघ के ‘प्रवेश द्वार’ ग्रीस को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
तुर्की द्वारा सीमा खोलने के फैसले के बाद कम से कम छह सौ लोग समुद्री रास्ते से ग्रीस के लेसबोस, चियोस और सामोस द्वीपों पर पहुंचे हैं। ये द्वीप तुर्की के समुद्र तट से कुछ ही घंटों की दूरी पर हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कुछ शरणार्थी इव्रो नदी पार कर ग्रीक सीमा में पहुंचे हैं। वे छोटे-छोटे समूह में सीमा पार कर रहे हैं और उनमें एक अफगान मां अपने पांच दिन के बच्चे को साथ लेकर गई है।
ग्रीस के सरकारी सूत्रों के मुताबिक तुर्क सीमा पर 3000 लोग जमा हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय आप्रवासी संस्था ने उनकी संख्या 13,000 बताई है।
उल्लेखनीय है कि चार साल पहले 2015-2016 में ग्रीस के रास्ते लाखों शरणार्थी यूरोप आए थे। 40,000 शरणार्थी अभी भी ग्रीस के एजियन द्वीपों पर फंसे हुए हैं। इसके साथ शुरू हुए संकट ने न सिर्फ यूरोप को विभाजित कर दिया बल्कि कई देशों में धुर दक्षिणपंथी पार्टियों के उदय का कारण भी बना। शरणार्थी संकट के चलते लगातार होने वाली हारों के बाद जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था।
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यूरोप ने क्या कहा
यूरोपीय संघ के इस समय तुर्की के साथ रिश्ते बहुत अच्छे नहीं हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान के आलोचना को दबाने की कोशिशों और आलोचकों के सख्त दमन और साइप्रस के तट पर हाइड्रो कार्बन की ड्रिलिंग को लेकर यूरोपीय संघ नाराज है। तुर्की इस बिगड़े रिश्तों के बीच नए शरणार्थी संकट पर अपना रुख तय करने में लगा है।
यूरोपीय संघ के मुख्यालय ब्रसेल्स में अगले कदम तय करने के लिए सदस्य देशों के शरणार्थी और विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाई गई है। उधर यूरोपीय सीमा सुरक्षा संगठन फ्रंटेक्स ने कहा है कि वह बाहरी सीमा की सुरक्षा में मदद देने के लिए ग्रीस के साथ बात कर रहा है।
ग्रीस के लिए वर्तमान शरणार्थियों का संकट 2015 के शरणार्थी संकट से गंभीर है। यह उसके लिए परीक्षा की घड़ी है। उस समय वह वित्तीय समस्याओं के कारण यूरो जोन से बाहर निकाले जाने का सामना कर रहा था। ताजा संकट ने तुर्की के साथ ग्रीस के लंबे समय से चले आ रहे तनाव को भी फोकस में ला दिया है। ग्रीस ने अपनी सीमा बंद कर दी है और शरणार्थियों को देश में घुसने से आगाह किया है।
पिछले 24 घंटों में ग्रीस ने 10 हजार के लगभग प्रवासियों को अपने यहां आने से रोका है। इस दौरान प्रवासियों ने ग्रीक बॉर्डर गार्ड पर पथराव किया। बॉर्डर गार्ड को आंसू गैस इस्तेमाल करने पड़ी। अब यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष ग्रीस की तुर्की के साथ लगती सीमा का मुआयना करने वाले हैं।
ग्रीस के स्काई टीवी के अनुसार कस्तानीस में सीमा पर लााउडस्पीकर से शरणार्थियों से अंग्रेजी और अरबी में कहा जा रहा है कि उनका स्वागत नहीं है, “सीमाएं बंद हैं।” लेसबोस द्वीप पर ग्रीक लोगों का छोटा दल नावों से आने वाले शरणार्थियों को रोकने की कोशिश कर रहा है और उनसे तुर्की वापस लौटने को कह रहा है। पिछले हफ्ते आप्रवासियों के रहने के लिए घर बनाने की योजना का विरोध करने वाले स्थानीय लोगों और दंगा पुलिस के बीच संघर्ष हुआ था।
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बढ़ायी गई सुरक्षा
ग्रीस ने अपनी सीमा पर सुरक्षा बंदोबस्त उच्चतम स्तर पर बढ़ा दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस ने ये घोषणा की है। तुर्की द्वारा सीमा को खोले जाने के बाद देश के उत्तर पूर्व में थल और जल सीमाओं पर गश्त बढ़ा दी गई है।
ग्रीस सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक अगले एक महीने तक उनका देश शरण का कोई नया आवेदन स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने अपने देश के लिए विषम सुरक्षा खतरे की बात कही है। तुर्की ने ग्रीस सरकार की आलोचना ठुकरा दी है और शरणार्थियों के प्रति ग्रीस के रवैये की आलोचना की है।
वहीं बुल्गारिया के राष्ट्रपति बोइको बोरिसोव सीमा की स्थिति पर चर्चा के लिए दो मार्च को तुर्की के राष्ट्रपति इरदुगान से मिल रहे हैं। मुलाकात तुर्की की राजधानी अंकारा में होगी।
तुर्की द्वारा यूरोपीय संघ के साथ लगी सीमाओं को खोले जाने के बाद बोरिसोव पहले यूरोपीय नेता हैं जो इरदुगानसे मिल रहे हैं। बुल्गारिया की सरकार ने कहा है कि राष्ट्रपति बोइको तुर्की राष्ट्रपति के साथ सीरिया संकट के समाधान पर बातचीत करेंगे।