जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है।
आलम तो ये हैं कि उनको बार-बार अपने प्रत्याशियों को बदलना पड़ रहा है। रामपुर लोकसभा सीट आजम खान का गढ़ कही जाती है लेकिन इसी सीट को लेकर सपा में घमासान मच गया है।
अखिलेश यादव आजम खान से जेल में मिलकर इस मामले को सुलझाने के लिए गए थे लेकिन मामला जमा नहीं। इतना ही नहीं उलटे आजम ने अखिलेश से रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे के बोल दिया है लेकिन अखिलेश यादव ने उनकी बात नहीं मानी और अखिलेश यादव ने रामपुर से समाजवादी पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार मोहिबुल्ला नदवी को घोषित कर दिया।
उनकी घोषणा का खुलकर रामपुर में हो रहा है। इनता ही नहीं स्थानीय नेता काफी नाराज है और उनको समर्थन देने से बचते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार मोहिबुल्ला नदवी ने शुक्रवार को कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान का समर्थन मिलेगा और पूरी पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें रामपुर में सभी वर्गों का समर्थन मिल रहा है। बता दें कि आजम खान के करीबी माने जाने वाले आसिम रजा ने भी नामांकन दाखिल कर दिया था। आसिम रजा के नामांकन पर नदवी ने कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी एक परिवार है और उस परिवार के मुखिया अखिलेश यादव जी हैं। उम्मीद है कि लोग छोटी-मोटी चीजों को छोडक़र आगे बढ़ेंगे और मिलकर लड़ेंगे। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरी उम्मीद है.’’ वहीं नदवी ने कहा, ‘‘मुझे हिंदू, मुस्लिम सभी वर्गों का समर्थन मिल रहा है और आगे भी मिलेगा। ’’ दरअसल, बीते दिनों आजम खान के लेटर बम के रामपुर की सियासत एक एक हलचल मच गई थी। इसके साथ इलेक्शन बायकॉट करने की बात भी सामने आ रही थी लेकिन अभी तक इस पर सपा के बड़े नेताओं ने चुप्पी साध रखी है।