जुबिली स्पेशल डेस्क
चुनावी मौसम में नेताओं की जुब़ान फिसलना कोई नयी बात नहीं है। हालांकि अक्सर नेताओं की जुब़ान से निकला हुआ शब्द उनके लिए घातक भी साबित हुआ है।
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान कई ऐसे बयान सामने आए थे जो राजनीति मार्यादाओं को तार-तार करते दिखे। ऐसा नहीं है केवल कांग्रेस में ही ऐसे नेता है जो अपनी भाषा की गरिमा को भूल जाते हैं।
बीजेपी से लेकर सपा में कई ऐसे नेता है जो चुनावी मौसम में बहक जाते हैं और जनता का दिल जीतने के चक्कर में राजनीतिक छींटाकशी करने में ही आगे रहते है और अपनी पीट थपथपाते हैं लेकिन कांग्रेस के नेताओं की जु़बान चुनाव से ठीक पहले ज्यादा चलती है और उनके बयान पूरी पार्टी के लिए खतरा बन जाती है।
पार्टी के लिए बन रहा है गले की हड्डी
कांग्रेसी नेताओं के चुनावी मौसम में दिया जाने वाला बयान अक्सर पार्टी के लिए गले की हड्डी भी बन जाता है। ताजा उदाहरण है इमरती देवी को लेकर कमलनाथ का बयान। कमलनाथ मध्य प्रदेश में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के चक्कर में अपनी जुबान पर लगाम नहीं लगा सके।
कमलनाथ ने क्या कहा था
दरअसल कमलनाथ ने एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सुरेश राजे जी हमारे उम्मीदवार हैं। सरल स्वभाव के सीधे-साधे हैं। ये उसके जैसे नहीं हैं। क्या है उसका नाम? इस पर भीड़ में से आवाज आई इमरती देवी।
तब कमलनाथ ने कहा कि मैं क्या उसका नाम लूं, आप तो मेरे से ज्यादा उसको पहचानते हैं। आपको तो मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए था…ये क्या आइटम है….ये क्या आइटम है। कमलनाथ का यह बयान मध्य प्रदेश में आग की तरह फैल गया है और बीजेपी इस बयान के बल पर सत्ता में बनी रहने का सपना भी देख रही है।
चुनाव मौसम में अक्सर फिसलती है कांग्रेसी नेताओं की जुबान
चुनाव से पहले कांग्रेसी नेताओं का बयान अक्सर पार्टी पर भारी पड़ जाता है। अतीत में कई ऐसे उदाहरण मिलेगे उनके बयान की वजह से चुनाव की तस्वीर बदल देता है। चाहे वो गुजरात का चुनाव हो या फिर पिछला लोकसभा चुनाव। मणि शंकर अय्यर से लेकर राहुल गांधी के बयान सेजनता इतनी नाराज हुई कि कांग्रेस को अब तक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
मोदी के खिलाफ कांग्रेस ने खोल रखा है मोर्चा
मोदी के खिलाफ कांग्रेसी नेताओं का विवादास्पद बयान खुद पीएम मोदी को लगातार कामयाब कर रहा है और दूसरी ओर कांग्रेस का पतन इस वजह से होता दिख रहा है। 134 वर्ष पुरानी कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं के बयान से काफी मुश्किलों में नजर आ रही है।
राजनीतिक विश्लेषक डॉ सीपी राय का क्या कहना
राजनीतिक विश्लेषक डॉ सीपी राय ने जुबिली पोस्ट से बातचीत में कहा कि कांग्रेस ही क्या बीजेपी के नेताओं ने कई मौकों पर राजनीतिक मार्यादा को लांघी है लेकिन अंतर केवल इतना है कि बीजेपी के नेताओं के बजाये कांग्रेसी नेताओं के बयान को ज्यादा तूल दिया जाता है। हालांकि मैंने कमलनाथ का बयान सुना नहीं है लेकिन मैं बस इतना कह सकता हूं कि मीडिया का कुछ वर्ग जानबूझकर कांग्रेस के खिलाफ मुहिम चला जो सही नहीं है
तो इसकी शुरुआत सोनिया गांधी ने की थी
कांग्रेसी नेताओं का प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ घृणा का उदय साल 2007 में गुजरात चुनाव में हुआ था। उस समय कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे से आगे निकलेने के चक्कर में राजनीतिक मर्यादा को एक बार नहीं बल्कि कई बार लांघी।
गुजरात चुनाव में सोनिया ने मोदी को लेकर क्या कहा था
वर्ष 2007 में गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार करने पहुंची सोनिया गांधी ने तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर कहा था। इसका नतीजा यह रहा कि जनता ने कांग्रेस को पूरी तरह से नकार दिया और कांग्रेस गुजरात विधानसभा चुनाव बुरी तरह से हार गई।
मणि शंकर अय्यर ने भी मोदी के खिलाफ खोला था मोर्चा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाद कांग्रेस नेता मणि शंकर अय्यर ने नरफत की इस आग को और भड़काया। वर्ष 2014 से 2019 के बीच मणिशंकर अय्यर के बयानों ने प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में खास भूमिका निभायी है।
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मणिशंकर अय्यर द्वारा बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी चाय वाला बताया और फिर उनके खिलाफ मोर्चा खोलते हुए घृणा भाव की सारी हदे पार कर दी। इतना ही नहीं मोदी को जोकर, सांप और बिच्छू तक कह डाला है।
राहुल का बयान मोदी की करता रहा मदद
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है लेकिन ये उनपर खुद भारी पड़ता दिख रहा है। राहुल ने पाकिस्ताान पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला लेकिन इस दौरान उन्होंने खून की दलाली करने वाला बता डाला।
चौकीदार चोर के बयान की ऐसे निकली हवा
हालांकि इसके बाद राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोलते हुए रॉफेल डील पर नरेंद्र मोदी टारगेट करते हुए चौकीदार चोर है कहते हैं लेकिन मोदी ने इसपर अलग अंदाज में कांग्रेस को जवाब दिया। कोर्ट ने मोदी को क्लीन चीट दे और नतीजा यह रहा कि चौकीदार चोर का दाव ही कांग्रेस पर उलटा पड़ गया। लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ा।
ये कांग्रेसी नेता कम नहीं है
इन नेताओं के आलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर, महाराष्ट्र कांग्रेस नेता संजय निरूपम, कांग्रेस के गुरू मे शुमार सैम पित्रोदा, लोकसभा नेता प्रतिपक्ष चौधरी अधीर रंजन, वयोवृद्ध कांग्रेस नेता अजीज कुरैशी, नवजोत सिंह सिद्धू और अशोक गहलोत जैसे नेताओं ने समय-समय पर मोदी को अपने रडार पर लिया है लेकिन इसका फायदा कांग्रेस के बजाये मोदी को हुआ है। इसके साथ ही कांग्रेस के इस तरह के बयान की वजह से नरेंद्र मोदी आज भारतीय राजनीति के सिरमौर बन चुके हैं।
अय्यर की वजह से मोदी बने पीएम
अय्यर के बयान की वजह से मोदी 2014 में सत्ता तक पहुंचे। वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने एक फिर चौकीदार चोर है कहकर बीजेपी को चुनावी मदद पहुंचाई और एक फिर बीजेपी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल रही और मोदी दोबारा देश के प्रधानमंत्री बने।
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शशि थरूर ने बंगलौर साहित्य सम्मेलन में कहा था कि मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू के समान है। आप उसे अपने हाथ से हटा भी नहीं सकते और न ही चप्पल से मार सकते हैं। उनके इस बयान के बीजेपी ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और दिल्ली की रॉउज एवेन्यू अदालत ने कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए विवादित बयान के मामले में जमानती वारंट जारी किया था।
लोकसभा में बीजेपी सांसद और मंत्री प्रताप चंद सारंगी ने कहा था कि अटल जी ने इंदिरा की तारीफ की थी तो कांग्रेस को मोदी से क्या परेशानी है। इसके जवाब में उनके बाद बोलने आए सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी का अपमान करते हुए कहा कि – कहाँ माँ गंगा और कहाँ गन्दी नाली का कीड़ा, इसकी तुलना नहीं की जा सकती है।
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कुल मिलाकर देखा जाये कांग्रेसी नेताओं का बयान अब पार्टी के लिए घातक साबित हो रहा है। इतना ही नहीं उनका बयान बीजेपी को फायदा पहुंचा रहा है। ऐसे में कमलनाथ का बयान क्या मध्य प्रदेश में कमल को सत्ता में बने रहने में मदद करेगे, ये एक बड़ा सवाल है।