न्यूज डेस्क
शायद ही कोई हो जिसे पारले-जी बिस्किट का स्वाद पंसद न हो। बाजार में कई कंपनिया बिस्किट लेकर आई और चली गई लेकिन पारले-जी बिस्किट आज भी लोगों का पसंदीदा बिस्किट बना हुआ है, खासकर बच्चों का। फिलहाल पारले-जी बिस्किट अपने स्वाद के लिए किसी और कारण से चर्चा में बना हुआ है।
छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की पुलिस ने बच्चों की पंसदीदा पारले-जी बिस्किट की फैक्ट्री से 26 बाल मजदूरों को छुड़ाया गया है। पुलिस के मुताबिक पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग और सामाजिक संगठनों ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर आमासिविनी गांव में पारले-जी बिस्किट की उत्पादन इकाई से 26 बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया। इन बच्चों को किशोर गृह भेज दिया गया है।
कई राज्यों के हैं बच्चें
पुलिस ने जिन बच्चों को छुड़ाया है वे बच्चे छत्तीसगढ़ के अलावा पड़ोसी राज्य झारखंड, उड़ीसा और मध्य प्रदेश के हैं। बच्चों के परिजनों से पुलिस संपर्क कर रही है।
मुक्त कराये गए बच्चों की उम्र 13 से 17 वर्ष के बीच है। हालांकि उनकी उम्र के बारे में सही जानकारी उनके जन्म प्रमाण पत्र से ही मिल सकेगी।
बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्वयक संदीप कुमार राव ने बताया कि फैक्ट्री में बच्चों से सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक काम कराया जाता था और इसके लिए उन्हें प्रतिमाह केवल पांच से सात हजार रुपये दिए जाते थे।