स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सपा से अलग हो चुके शिवपाल यादव का सपा प्रेम कम नहीं हुआ है। अखिलेश यादव से उनके रिश्ते बेहद उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। दोनों के बीच की रार कम होने का नाम नहीं ले रही है।
आलम तो यह है कि अखिलेश यादव अपने चाचा को दोबारा पार्टी में लेने के बारे में बातचीत करना भी पसंद नहीं करते हैं लेकिन शिवपाल यादव भले ही पार्टी में लौटने के बारे में कोई ठोस जवाब न दे फिर भी उनका सपा प्रेम कम होता नहीं दिख रहा है।
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शिवपाल की पार्टी प्रसपा का सपा में विलय नहीं होगा लेकिन सपा के साथ कोई राजनीतिक समझौता संभव है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि शिवपाल यादव ने इसको लेकर एक बार फिर संकेत दिया है।
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शिवपला ने हाल में ही पार्टी की एक बैठक के बाद एक बार फिर सपा के साथ गठबंधन को लेकर हवा दी है। उन्होंने कहा था कि वह सत्ता में भाजपा को आने से रोकने के लिए किसी के साथ भी हाथ मिला सकते हैं।
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इसके साथ ही उन्होंने आगामी चुनावों में गठबंधन के संकेत दिए हैं, हालांकि उन्होंने सपा में प्रसपा के विलय की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया।
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अब देखना होगा कि शिवपाल यादव के इस ताजे बयान के बाद सपा कोई प्रतिक्रिया आती है या नहीं। हालांकि अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है अगले चुनाव सपा अकेली ताल ठोंकेगी।