- चीन से तनाव पर सरकार के कदमों पर खुश नहीं आरएसएस
- आरएसएस का है दुनिया के साथ मिलकर अलग-थलग करने पर जोर
जुबिली न्यूज डेस्क
करीब दो माह से भारत-चीन सीमा पर तनाव है। चीन पर मोदी सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम को लेकर विपक्ष हमलावर है। मोदी सरकार पर उठ रहे सवालों के बीच अब अब ऐसी खबरें आ रही है सरकार के कदम से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी खुश नहीं है।
कहा जा रहा है कि आरएसस चीन से युद्ध के पक्ष में नहीं है पर कोरोना की वजह से दुनियाभर में उपजी चीन विरोधी भावनाओं के जरिए चीन को अलग-थलग करने का समर्थन करता है।
हालांकि संघ ने अब तक केंद्र सरकार से अपने मतभेदों का खुलकर इजहार नहीं किया है। पहले की तरह अब भी संघ के नेता समझबूझ के साथ ही बयान दे रहे हैं। खासकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और संघ सहसरकार्यवाह भैयाजी जोशी।
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हाल के दिनों में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गलवान घाटी में चीन के जवानों को मारने की हरकत का विरोध किया था। वहीं भैयाजी जोशी ने कहा था कि इस संकट के समय में भारत के लोग और सेनाएं मजबूती से सरकार के साथ खड़ी हैं।
आरएसएस के मुखपत्र ‘द ऑर्गनाइजर’ के संपादक प्रफुल्ल केतकर का भी कहना है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद कई देशों में चीन विरोधी भावनाएं भड़की हैं। भारत के पास मौका है कि वह इन चीन-विरोधी भावनआओं का फायदा उठाए और चीन को सीमित करने में दुनिया का नेतृत्व करे।
उन्होंने कहा कि लद्दाख में जो चीन ने किया, वह गंभीर मुद्दा है, लेकिन घुसपैठ कई बार हो चुकी है। इसलिए चीन से युद्ध से ज्यादा जरूरी उसे दूसरे मोर्चों पर सीमित करना है। केतकर ने साफ किया कि वह यह बात आरएसएस के कार्यकर्ता के तौर पर नहीं बोल रहे हैं।
वहीं संघ के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने ‘द टेलिग्राफ’ अखबार से कहा कि हमें अपने सैनिकों की शहादत के लिए चीन के साथ युद्ध में जाने की जरूरत नहीं है। हमें चीन से सिर्फ सैन्य तौर पर ही नहीं, बल्कि कई अन्य फ्रंटस पर लडऩे की जरूरत है। संघ पहले से ही मौजूदा और पूर्व सरकारों को कम्युनिस्ट चीन के बारे में सावधान करती रही है। हमने सरकार से ताकतवर नीतियां बनाने के लिए भी कहा है। हालांकि, लद्दाख की घटना के बाद अब सरकार खुद भी समझ गई है कि कम्युनिस्टों का किसी भी सूरत में भरोसा नहीं किया जा सकता।
आरएसएस ने केंद्र सरकार की नीतियों पर खुलकर सवाल नहीं उठाया है, लेकिन संगठन से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने चीन से व्यापार पर रोक लगाने की मांग उठानी शुरू कर दी है। इसे लेकर मंच के कार्यकर्ता देशभर में प्रदर्शन कर सरकारे के सामने मांगे भी रख रहे हैं।
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