- भारत से इस साल एक लाख 70 हजार टन बीफ आने की उम्मीद
- भैंस का मांस कम कमाई वालों के बीच काफी लोकप्रिय
- मलेशिया में पिछले साल की तुलना में फ्रोजेन भैंस के मांस की कीमत 15-20 फीसदी बढी
न्यूज डेस्क
भारत में पिछले 40 दिन से चल रही तालाबंदी से भारत के लोग ही नहीं बल्कि मलेशिया और इंडोनेशिया के लोग भी परेशान हैं।
इस तालाबंदी से जहां भारत के लोगों का खान-पान प्रभावित हुआ है वहीं विदेशों मे रह रहे लोगों के खान-पान पर बुरा असर पड़ा है।
दरअसल मलेशिया में भारत शीर्ष का बीफ आपूर्तिकर्ता है लेकिन तालाबंदी के कारण भारत में मीट प्रोसेसिंग प्लांट बंद हैं इसलिए मलेशिया में बीफ की आपूर्ति भी बंद है।
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इस समय रमजान का महीना चल रहा है और यहां बीफ की किल्लत शुरु हो गई है। इसकी वजह से कीमतें आसमान छू रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार भारत हर महीने औसतन एक लाख टन भैंस का मांस बेचता है लेकिन मार्च महीने में यह बिक्री 40 हजार टन ही रही। अप्रैल महीने में यह बिक्री और कम होने की आशंका है क्योंकि पूरे अप्रैल लॉकडाउन रहा है।
मई महीने में भी कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। उत्तर प्रदेश के मांस निर्यातकों के मुताबिक मीट इंडस्ट्री के पक्ष में अभी कुछ भी होता नहीं दिख रहा है। रमजान के महीने में मलेशिया में पिछले साल की तुलना में फ्रोजेन भैंस के मांस की कीमत 15-20 फीसदी बढ़ गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुआलालंपुर के एक मांस कारोबारी ने कहा कि ”मलेशियाई एक महीने में औसतन भारत से आने वाले भैंस के मांस का 350 कंटेनर उपभोग करते हैं जो कि अब आधा हो गया है।”
2019 में भारत ने 15 लाख टन बीफ विदेशों में बेचा था। भारत में उत्पादन प्रभावित होने से मलेशिया में मांस आपूर्ति चरमरा गई है।
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मलेशिया भारत से अपनी जरूरत का 70 फीसदी बीफ आयात करता है। इंडोनेशिया भी एक तिहाई बीफ भारत से ही आयात करता है। भैंस का मांस कम कमाई वालों के बीच काफी लोकप्रिय है क्योंकि यह सस्ता मिलता है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत से इस साल एक लाख 70 हजार टन बीफ आने की उम्मीद थी लेकिन अब यहां के कारोबारी ब्राजील और अर्जेंटीना की तरफ रुख कर सकते हैं।
भारत में लॉकडाउन की अवधि 15 दिन के लिए बढ़ा दी गई है। कुछ गाइडलाइन के साथ देश में कुछ व्यवसाय को छूट दी जा रही है। फिलहाल मीट व्यवसाय इसमें शामिल नहीं है।
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