जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। राजनीति में कब क्या बदल जाये ये किसी को पता नहीं होता है। कब कौन किसके साथ चला जाये ये भी किसी को पता नहीं होता है। अगले साल लोकसभा का चुनाव होना है।
विपक्षी दल एक साथ आने की बात कर रहे हैं लेकिन कुछ दल ऐसे है जो अपनी अलग राह पकड़े हुए है। हालांकि वो मोदी को रोकने की बात जरूर करते हैं लेकिन विपक्षी एकता के मामले में उनका एक अलग नजरियां हैं।
जहां एक ओर कांग्रेस पूरे विपक्ष को एक साथ आने के न्यौता दे रहा है तो दूसरी ओर ममता और केसीआर जैसे नेता कांग्रेस से हाथ मिलाने को तैयार नजर नहीं आ रहे हैं।
तेलंगाना के चीफ मिनिस्टर के. चंद्रशेखर राव की बेटी ने पहली बार कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की तारीफ की है। दरअसल दिल्ली के शराब घोटाले में उनका नाम भी आया है और ईडी ने उनसे पूछताछ करना चाहती है। उधर कवितादने कांग्रेस से सम्पर्क किया है और अपने धरने प्रदर्शन में शामिल होने के लिए न्यौता दिया है।
हालांकि कई सालों बाद ऐसा मौका आया जब केसीआर की पार्टी ने कांगे्रस से बात की है क्योंकि केसीआर लगातार तीसरे मोर्चा खड़ा करने की कोशिशों में लगे हुए हैं। हाल में खम्मम में रैली की थी और इस रैली में सपा मुखिया अखिलेश यादव और आप के नेता अरविंद केजरीवाल को बुलाया था।
हालांकि केसीआर की पार्टी का अब रूख बदला हुआ नजर आ रहा है। के. कविता ने मीडिया से बातचीत में कहा, कि ‘मैंसोनिया गांधी को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंनेमहिला आरक्षण बिल को संसद मेंन सिर्फ पेश कराया था बल्कि दूसरेदलों को भी समर्थन के लिए राजी किया था।
के. कविता नेकहा कि मैंने मल्लिकार्जुन खडग़े से बात की है और धरने में शामिल होने की अपील की है। दरअसल केसीआर की पार्टी इस धरने के सहारे विपक्षी एकता को मजबूत करने की पहल भी माना जा रहा है लेकिन बड़ा सवाल है क्या कांग्रेस में इसमें शामिल होगी या नहीं।