जुबिली स्पेशल डेस्क
उद्धव ठाकरे भले ही चुनाव हार गए हो लेकिन इसके बावजूद महाराष्ट्र की सियासत में उनका सियासी कद कम नहीं हुआ है।
हालांकि एकनाथ शिंदे ने बेहद चलाकी से उद्धव ठाकरे की पार्टी को न सिर्फ तोड़ा बल्कि चुनाव चिन्ह तीर भी छीन लिया है और बीजेपी की मदद से सीएम तक बन गए लेकिन दोबारा सीएम बनना उनका अब मुश्किल लग रहा है। दरअसल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे ज्यादा सीटें जीती है और अब वो अपना सीएम चाहती है।
135 सीट जीतने वाली बीजेपी को मिली शानदार जीत से राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदल गया है और बीजेपी अब अपना मुख्यमंत्री लाने की तैयारी में है और इसको लेकर उसने अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
अजीत पवार के द्वारा देवेंद्र फडणवीस के नाम पर रजामंदी दे दी लेकिन एकनाथ शिंदे सीएम की कुर्सी फिर चाहते हैं। अजीत पवार की पार्टी एनसीपी के द्वारा देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाए जाने का समर्थन पत्र सौंप दिया है।
इस पूरे मामले पर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि मुझे लगता है कि एकनाथ शिंदे को दो कदम पीछे जाना चाहिए, जैसे 2022 में देवेंद्र फडणवीस चार कदम पीछे गए थे और उन्होंने उनके नेतृत्व में डिप्टी सीएम बनना स्वीकार किया था।
ऐसे ही शिंदे को डिप्टी सीएम बनना चाहिए नहीं तो उन्हें केंद्र में आकर मंत्री बनना चाहिए। हालांकि एकनाथ अभी तक इसको लेकर पत्ते नहीं खोले हैं।एनसीपी से अजीत पवार का डिप्टी सीएम के लिए पूरी तरह से तैयार है लेकिन शिवसेना ने अभी तय नहीं किया है।
बड़ा सवाल है कि शिवसेना में एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम का पद को स्वीकार करेंगे या फिर अपनी पार्टी के किसी दूसरे नेता को बनाएंगे। कहा तो जा रहा है कि शिंदे अगर मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे तो फिर उपमुख्यमंत्री का पद भी स्वीकार नहीं करेंगे।
कुल मिलाकर उद्धव ठाकरे को चुनावी दंगल में पराजित करने वाले एकनाथ शिंदे पूरी तरह से तय नहीं कर पा रहे हैं कि आगे उनको क्या करना है लेकिन उनकी चाहत सीएम बनने की है और बीजेपी शायद इस बार सीएम पद किसी और को नहीं देना चाहती है।