जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। देश में कोरोना बेकाबू हो चुका है। आलम तो यह है कि देश में बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस के 3 लाख 57 हजार 229 मामले सामने आए हैं। इस दौरान 3,449 लोगों की मौत हुई है। कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक है।
दूसरी ओर देश के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपनी जान को जोखिम में डालते हुए दिन रात मेहनत कर मरीजों की जान बचाने में लगे हुए हैं।दूसरी ओर लोगों की जान बचाने के लिए डॉक्टर कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
इतना ही नहीं अपनी जिंदगी खतरे में डाल कर दूसरो की जिंदगी बचाने में ये डॉक्टर लगे हुए है। डॉक्टर कई घंटे लगातर काम कर रहे हैं। मौजूदा हालात में वो दिन-रात कोरोना पीडि़त मरीजों के इलाज में लगे हुए हैं।
खतरे के बीच डॉक्टर अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना पीडि़तों का लगातार उपचार कर रहे हैं लेकिन इन्हीं डॉक्टरों में काफी दबाव बनाया जा रहा है।
दरअसल ऐसे में प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग, उत्तर प्रदेश (Pms association)ने यूपी के महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एक चिठ्ठी लिखी है। इस पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश की विभिन्न जनपद शाखाओं द्वारा दूरभाष के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई है, कि ऐसे जिला चिकित्सालय/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जो कि नान कोविड चिकित्सालय के रूप में कार्य कर रहे हैं, उसमे Respiratory Distress Syndrome वाले मरीज बहुत ज्यादा संख्या मे आ रहे है।
इन मरीजों के पास या तो कोविड संबंधी कोई भी जांच रिपोर्ट उपलब्ध नही है या फिर ऐसे मरीज एंटीजन निगेटिव है।इसके बावजूद भी उनकी X-Ray तथा CT- SCAN रिपोर्ट सस्पेक्टेड कोविड मरीज की श्रेणी मे आती है।
पत्र में आगे कहा गया है कि ऐसा भी संज्ञान में आया है कि ऐसे मरीजो को जिला चिकित्सालय के वार्डों मे भर्ती करने का दबाव उच्च-स्तरीय अधिकारियों और राजनैतिक व्यक्तियों द्वारा दिया जा रहा है।
प्रदेश के ज्यादातर छोटे जनपदों में स्थित Designated Covid Hospitals आपके दिशा निर्देशों के क्रम में अपनी पूरी क्षमता के अनुसार कार्य संचालित कर रहे हैं।
विभाग के विभागाध्यक्ष होने के नाते आप स्वयं ही जानकार हैं कि ऐसी परिस्थितियों मे दो तरफ से खतरा उपस्थित होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता।
पहले से मौजूद नान-कोविड मरीजो मे संक्रमण फैल रहा है। आकस्मिक डयूटी पर कार्य कर रहे चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मियों के लगातार संक्रमित होने से विषम परिस्थितियां उत्पन्न हो रही हैं।
यूपी के महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सा गुहार लगते हुए कहा है कि आवश्यक एवं महत्वपूर्ण कदम उठाने का कष्ट करें, ताकि समय रहते बड़ी संख्या मे संक्रमित/शहीद हो रहे चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मियों की रक्षा की जा सके और इस आपातकाल में प्रदेश की जनता को अनवरत आवश्यक सेवाए प्रदान होती रहे।