जुबिली न्यूज़ डेस्क
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ सकती है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर वाड्रा की जमानत याचिका खारिज करने की मांग की थी। 26 सितंबर को इस पर सुनवाई भी हुई। ईडी ने कोर्ट में कहा कि, हम वाड्रा का कस्टोडिएल इंट्रोगेशन करना चाहते हैं, इसलिए उनकी जमानत याचिका खारिज होनी चाहिए।
ईडी ने ये बात उस वक्त सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताई जब जज ने पूछा कि क्या मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा की गिरफ्तारी की हुई है ? ईडी ने कहा कि मामले की जांच के दौरान और फिर बाद में कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद 1 अप्रैल को पटियाला हाउस कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा को अग्रिम जमानत दे दी थी लेकिन उन्हें जमानत दिए जाने के बाद भी वो जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में ईडी पूछताछ के लिए लगभग एक दर्जन बार बुलाया जा चुका है।
ईडी ने आज की सुनवाई में हाइकोर्ट को कहा कि वो रॉबर्ट वाड्रा की जमानत को इसलिए खारिज कराने के लिए हाइकोर्ट आए हैं, क्योंकि निचली अदालत ने जमानत देते वक्त इस बात को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया कि पैसे का जो लेन-देन हुआ उसमें रॉबर्ट वाड्रा का सीधा दखल दिया। रॉबर्ट वाड्रा पर आरोप है कि उन्होंने विदेश में अपने कथित दोस्त संजय भंडारी के माध्यम से विदेशों में काले धन से प्रॉपर्टी खरीदी।
रॉबर्ट वाड्रा के वकील ने कहा कि संजय भंडारी द्वारा की गई प्रोपर्टी की खरीद से रोबर्ट वाड्रा का कोई लेना-देना नहीं है। वकील ने कोर्ट से वक्त मांगा, क्योंकि आज दूसरे राज्यों में भी रॉबर्ट वाड्रा के मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में सुनवाई थी और वाड्रा के मुख्य वकील केटीएस तुलसी दिल्ली में मौजूद नहीं थे।
कोर्ट ने ईडी के तर्क सुनने और वाड्रा की तरफ से समय मांगने के बाद अगली सुनवाई 5 नवंबर तक के लिए टाल दी है। यानी ईडी अब रोबर्ट वाड्रा का कस्टोडिएल इंट्रोगेशन 40 दिन के बाद ही उस सूरत में कर पाएगी, जब हाइकोर्ट वाड्रा को निचली अदालत से मिली अग्रिम जमानत को खारिज कर दे।
यह भी पढ़ें : आयुष्मान योजना के कार्ड के भुगतान में किसने कर दी धांधली ?
यह भी पढ़ें : ‘कमर्शियल बैंकों को बंद किये जाने की बात झूठी’