Monday - 28 October 2024 - 7:23 PM

आखिर ये रिवाज बदलता क्यों नहीं ?

अविनाश भदौरिया

थोड़ी देर पहले मेरे एक मित्र ने एक खबर वाट्स ऐप पर भेजी। मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा था। उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद के कुलपहाड़ की पुलिस एक प्रेमी युगल को मध्य प्रदेश से पकड़कर लाई थी जिसने पुलिस हिरासत में ही जहर खाकर जान देने की कोशिश की थी। लेकिन प्रेमी-प्रेमिका दोनों ही बच गए और दो दिन बाद लड़की को चिकित्सीय परिक्षण के लिए भेज दिया गया जबकि लड़के पर पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया। हम सब जानते हैं कि सच्चाई क्या है।

कोर्ट रूम में जो मूर्ति आंखों में पट्टी बांधकर खड़ी रहती हैं वो भी बता देगी कि लड़का निर्दोष है और पूरा मामला क्या है लेकिन मामला क्या बना दिया गया वो भी सामने है।

ऐसे मामलों में 99 प्रतिशत यही कहानी होती है जनता से लेकर मीडिया तक और दरोगा जी से लेकर न्यायधीश तक सब जानते होते हैं की ये केस और ये दलीलें झूठी हैं फिर भी इस झूठ पर कोई सवाल क्यों नहीं उठाता ? इस अन्याय का विरोध क्यों नहीं होता ? कोई एनजीओ ऐसे पीड़ित परिवार (लड़के का परिवार) की मदद के लिए आगे क्यों नहीं आता ?

 

यह भी पढ़ें : आडवाणी, जोशी और कल्याण सीबीआई कोर्ट में तलब

ये चुप्पी समाज के लिए घातक है

इस तरह के ज्यादतर मामले एक जैसे ही होते हैं। एक तो हमारे समाज में आज भी एक लड़का और एक लड़की स्वतंत्र होकर कोई निर्णय नहीं ले पाते अगर कुछ लोग निर्णय ले भी लेते हैं तो अधिकांश मामलों में लड़की के घर वाले थाने में कुछ रुपया देकर और लड़की को गायब करके वही घिसी पिटी कहानी गढ़ डालते हैं। अफ़सोस की बात एक लड़का जिसने अपने वादा निभाने के लिए इतना बड़ा निर्णय लिया उन्हें अपराधी बना दिया जाता है। शायद यही वजह है कि जब प्रेम विवाह की बात आती है तो लड़की से ज्यादा लड़का घबरा जाता है और वो अपने पैर पीछे खींच लेना ठीक समझता है। ये समाज और लोग तब लड़की को समझाते हैं कि लड़के ऐसे ही होते हैं वो तो लड़कियों के साथ सिर्फ रंगरेलिया मनाते हैं और जिम्मेदारी निभाने को कहो तो पीछे हट जाते हैं लेकिन लोग ये नहीं बताते कि इन हालातों के लिए आखिर में दोषी ये समाज और ये रिवाज हैं।

यह भी पढ़ें : तो क्या ‘मित्रों’ से भारत में होगा टिकटॉक का ‘विनाश’

यह भी पढ़ें : क्या भविष्य में भी मजदूरों के हितों को लेकर राजनेता सक्रिय रहेंगे?

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com